2021 विश्व कप में खेलने के बारे में सोच रही मिताली राज

asiakhabar.com | October 11, 2017 | 5:23 pm IST

नई दिल्ली। भारत की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने 2021 में अपने पांचवें विश्व कप में खेलने का विकल्प खुला रखा है। मिताली ने कहा कि अगर उनकी फॉर्म और फिटनेस उन्हें निराश नहीं करती है तो वे पांचवा विश्व कप जरुर खेलना चाहेगी।

इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में मिताली की अगुआई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी और इससे पहले उन्होंने कहा था कि यह उनका अंतिम विश्व कप होगा, लेकिन अब लगता है कि वन-डे क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली इस बल्लेबाज ने अपना मन बदल लिया है।

मिताली ने कहा- मैंने अगले विश्व कप में खेलने के विचार को खारिज नहीं किया है लेकिन विश्व कप के चौथे साल तक पहुंचने के लिए मुझे पहले अगले तीन साल से गुजरना होगा। मेरे लिए यह देखना और आकलन करना भी महत्वपूर्ण होगा कि तब तक (2021 तक) मेरा फॉर्म कैसा रहता है, इसलिए अभी मैं अभी विश्व टी-20 और 2018 के अन्य मैचों के बारे में सोच रही हूं। भारतीय टीम ने जुलाई में विश्व कप के बाद से कोई मैच नहीं खेला है और टीम अपनी अगली सीरीज फरवरी में ही खेलेगी।

मिताली ने कहा कि खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आईसीसी वन-डे चैंपियनशिप की अपनी पहली सीरीज की तैयारी दिसंबर में शुरू करेगी। इस चैंपियनशिप के हिस्से के तौर पर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 से 10 फरवरी तक तीन मैचों की सीरीज खेलनी है। उन्होंने कहा- घरेलू सत्र की शुरुआत दिसंबर में होगी और यह दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी का काम करेगा। इसके जरिये खिलाड़ी तीन महीने के ब्रेक के बाद खेल में दोबारा लय हासिल करने की शुरुआत करेंगी।

घरेलू ढांचे में किया बदलाव : मिताली बीसीसीआई की महिला क्रिकेट के लिए विशेष समिति का भी हिस्सा है जिसने हाल में घरेलू ढांचे में बदलाव करते हुए अंडर-16 वर्ग को पूरे भारत में लागू किया। समिति ने युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए ए दौरे शुरू करने का फैसला किया। मिताली का मानना है कि ए दौरों से अगले विश्व कप के लिए टीम तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी सीमित ओवरों के प्रारूप का इस्तेमाल कर रहा है और इस दौरान काफी कम टेस्ट मैच हो रहे हैं। मिताली ने हालांकि कहा कि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी की सबसे कड़ी परीक्षा होती है। उन्होंने कहा- अगर आपको अच्छी बुनियाद की जरूरत है तो टेस्ट प्रारूप प्रत्येक खिलाड़ी के लिए वन-डे अंतरराष्ट्रीय और टी-20 मैचों से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।


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