नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर उनके आह्वान पर बड़ी संख्या में ऐसे नौजवान राजनीति में आने के लिये तैयार बैठे हैं जिनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं है और इससे देश को विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए नई उर्जा, नया जोश एवं नया अनुभव मिलेगा।
श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि इस साल उन्होंने लाल किले से बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ने का आह्वान किया है। उनकी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में देश के युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस विषय पर देश-भर के युवाओं के पत्र भी मिले हैं। सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोगों ने कई तरह के सुझाव भी भेजे हैं। कुछ युवाओं ने पत्र में लिखा है कि ये उनके लिए वाकई अकल्पनीय है। दादा या माता-पिता की कोई राजनीतिक विरासत नहीं होने की वजह से, वे, राजनीति में चाहकर भी नहीं आ पाते थे। कुछ युवाओं ने लिखा कि उनके पास जमीनी स्तर पर काम करने का अच्छा अनुभव है, इसलिए, वे लोगों की समस्याओं को सुलझाने में मददगार बन सकते हैं। कुछ युवाओं ने ये भी लिखा कि परिवारवादी राजनीति, नई प्रतिभाओं का दमन कर देती है। कुछ युवाओं ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से हमारे लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा, ‘मैं इस विषय पर सुझाव भेजने के लिए हर किसी का धन्यवाद करता हूँ। मुझे उम्मीद है कि अब हमारे सामूहिक प्रयास से ऐसे युवा, जिनका कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, वे भी राजनीति में आगे आ सकेंगे, उनका अनुभव, और उनका जोश, देश के काम आएगा।’
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी समाज के हर क्षेत्र से ऐसे अनेकों लोग सामने आए थे जिनकी कोई राजनीतिक पृष्टभूमि नहीं थी। उन्होंने खुद को भारत की आजादी के लिए झोंक दिया था। आज हमें विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए एक बार फिर उसी भावना की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सभी युवा साथियों को कहूंगा इस अभियान से जरूर जुड़ें। आपका ये कदम आपके और देश के भविष्य को बदलने वाला होगा।’