नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रात की ड्यूटी के दौरान जवानों को सतर्क रखने और अधिकारियों के बीच समन्वय में सुधार के लिए चार कर्मियों वाली ‘डेल्टा-48’ इकाई शुरू की है।
‘डेल्टा-48’ एक तरह का संकेत है जिसका उपयोग अधिकारी रात में अभियान और ड्यूटी के दौरान एक-दूसरे से संवाद के लिए करते हैं। राष्ट्रीय राजधानी के प्रत्येक थाने और जिले में अलग-अलग संकेत हैं।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने डीसीपी नियुक्त होने के बाद इस पहल की शुरुआत की।
इस इकाई में चार कर्मी शामिल हैं- कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल, जो नई दिल्ली जिले में बारी-बारी से विभिन्न पालियों में काम करते हैं। इस इकाई में काम करने वाले कर्मी न केवल रात की ड्यूटी के दौरान जवानों को सतर्क रखते हैं बल्कि रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक गश्त करने वाले कर्मियों को चाय, नाश्ता और अंधेरे में चमकने वाली जैकेट सुनिश्चित करते हैं।
नई दिल्ली जिले में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसद रहते हैं तथा इस क्षेत्र में 10 थाने हैं। प्रत्येक थाने में तीन पुलिस निरीक्षकों सहित लगभग 100 पुलिस कर्मी हैं।
संसद मार्ग और कर्तव्य पथ पर 17 अप्रैल को पुलिस जवानों ने लापरवाही से वाहन चलाने के आरोप में लगभग 28 मोटसाइकिल चालकों को पकड़ा था।
‘डेल्टा-48’ पहल की सराहना करते हुए पुलिस उपायुक्त महला ने बताया, ”हम 30 मिनट के भीतर सभी मोटरसाइकिल सवारों को पकड़ने में कामयाब रहे क्योंकि हमारे कर्मचारी विभिन्न चौकियों और चौराहों पर सतर्क थे। मैं नई दिल्ली के गश्ती कर्मचारी और दो अधिकारियों को अच्छे संचार और समन्वय के लिए धन्यवाद देता हूं जो पूरी रात हमारे गश्ती कर्मचारियों को सचेत करते रहते हैं।”
डीसीपी के निर्देशों के अनुसार ‘डेल्टा-48’ अधिकारियों को रात में कम से कम दो बार गश्त करने वाले जवानों के पास जाना होगा और उनके दौरे की रिपोर्ट कार्यालय में जमा करनी होगी।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी ”रात्रि राजपत्रित अधिकारी” के रूप में अपने जिलों की चौकियों, थानों और जांच चौकियों का औचक निरीक्षण करेंगे।