तमिलनाडु में हुई नागरी लिपि पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

asiakhabar.com | March 7, 2025 | 4:18 pm IST

चेन्नई: देश -विदेश में नागरी लिपि परिषद का प्रचार प्रसार करने वाली प्रतिनिधि संस्था नागरी लिपि परिषद ,नई दिल्ली की तमिलनाडु इकाई की ओर से श्री कृष्णा स्वामी महिला महाविद्यालय, अन्ना नगर, चेन्नई में धर्ममूर्ति रायबहादुर कलवल कण्णन चेट्टी हिन्दू महाविद्यालय, पट्टाभिराम, चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में ‘ विश्व लिपि के रूप में नागरी लिपि का सामर्थ्य ‘ विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता नागरी लिपि परिषद की तमिलनाडु इकाई की प्रभारी और सुप्रसिद्ध नागरी हिंदी सेवी डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन ने की। नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के महामंत्री एवं न्यूयॉर्क अमेरिका से प्रकाशित वैश्विक हिंदी पत्रिका सौरभ के संपादक डॉ हरिसिंह पाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। लाल बहादुर शास्त्री शिक्षा महाविद्यालय, बेंगलुरु के पूर्व प्राचार्य एवं नागरी लिपि विशेषज्ञ डॉ इसपाक अली ने विशिष्ट अतिथि के रूप आभासी माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए।
इस अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मारीशस के हिंदी अध्यापक डॉ सोमदत्त काशीनाथ और कैलीफोर्निया, अमेरिका से डॉ विभाग दास ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज कराई। आरंभ में संगोष्ठी अध्यक्ष डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन ने सभी अतिथियों और नागरी लिपि वक्ताओं का स्वागत किया और राष्ट्रीय एकता के परिप्रेक्ष्य में नागरी की भूमिका को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ इसपाक अली ने नागरी लिपि के और विकास पर शोधपरक वक्तव्य प्रस्तुत किया।संगोष्ठी में एतिराज महिला महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ वी गीता मालिनी ने कंप्यूटर में नागरी लिपि के लिए यूनीकोड,शेवेलियर टी थामस एलिजाबेथ महिला महाविद्यालय की डॉ ए तस्लीम बानू ने नागरी लिपि का वैश्विक सामर्थ्य, डॉ एमजीआर जानकी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की डॉ रंजना राय ने मीडिया और इंटरनेट में नागरी लिपि,सेंट थॉमस कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की डॉ एस कल्याणी ने नागरी लिपि की वैज्ञानिकता और राष्ट्रीय सामर्थ्य,वेवटेक रंगा संकू कला महाविद्यालय के डॉ एस मुत्तु कुमार ने नागरी लिपि की दिशा और दशा और ए एम जैन महाविद्यालय, चेन्नई की डॉ एस राजलक्ष्मी ने संस्कृति और साहित्य में नागरी लिपि विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। श्री कृष्णा स्वामी महिला महाविद्यालय की छात्रा एम विन्या नंदिनी ने नागरी लिपि और हिंदी भाषा , ए एम जैन कालेज की एस, चांदनी कुमारी ने शिक्षा में नागरी लिपि का योगदान, हिन्दू महाविद्यालय की वी शक्ति और श्रीकृष्णा स्वामी की मोनिका एस, सिमरन वैष्णव ए और मृदुला साई अश्लेषा ने विश्व लिपि के रूप में नागरी लिपि विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि के रूप में नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल ने अपने वक्तव्य का शुभारंभ तमिल भाषा में किया तो सभी ने उनका करतल ध्वनि से स्वागत किया। डॉ पाल ने कहा कि तमिल विश्व की सर्वाधिक प्राचीन भाषा और लिपि है। किंतु यहां रोमन लिपि में अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता दी जा रही है,इस पर हमें विचार करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय एकता के लिए जोड़ लिपि के रूप में नागरी लिपि को सीखना आवश्यक है। नागरी लिपि परिषद विगत 50 वर्षों से नागरी लिपि के उन्नयन में संलग्न है।श्री कृष्णा स्वामी महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनिता राजेन्द्रन और निदेशक श्री के बी अरुण के निर्देशन में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ के आनंदी और हिन्दू महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ करिवक्करसी और निदेशक श्री केवीके राजमोहन के मार्गदर्शन में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जैनब ने इस संगोष्ठी का संयोजन किया है।
यह पहली बार है कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के दो महाविद्यालयों द्वारा नागरी लिपि के वैश्विक महत्व पर केंद्रित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इससे पूर्व हिन्दू महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एकता और अखंडता में नागरी लिपि की भूमिका विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन जनवरी माह में किया जा चुका है। धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ के आनंदी ने किया।


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