श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर बैंक ने अपने बड़ी संख्या में अधिकारियों को नाेटिस जारी किया है।
नई स्वीकृत पदोन्नति नीति और उसके बाद कैरियर प्रगति अधिसूचना के आलोक में जारी किए गए नोटिस से उन कर्मचारियों के बीच आक्रोश फैल गया है, जो पक्षपात और भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं।
बैंक अधिकारियों को जारी चेतावनी नोटिस में कहा गया है कि आवेदक/कैविएटर बैंक को आशंका है और उसका उचित विश्वास है कि गैर-कैविएटर उसके कर्मचारियों की प्रबंधक से वरिष्ठ प्रबंधक तक की पदोन्नति/करियर प्रगति प्रक्रिया को चुनौती दे सकते हैं।
कुछ पीड़ित अधिकारियों का दावा है कि नोटिस वास्तविक कानूनी एहतियात के बजाय कैरियर उन्नति प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बाधित करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है।
श्रीनगर में तैनात एक पीड़ित बैंक कर्मचारी ने कहा कि कर्मचारी को प्रबंधन से अधिकारों के बारे में पूछने से रोकने के लिये चेतावनी जारी की गई है।
यह कदम बैंक द्वारा अपने 85 साल के इतिहास में सबसे अधिक लाभ दर्ज करने के बाद उठाया गया है, जिससे इसके कार्यबल के बीच सवाल और चिंताएं पैदा हो गई हैं। आवासीय पते पर नोटिस भेजे जाने से बैंक में खलबली मच गई है, जिससे महिला कर्मचारियों सहित कई अधिकारी परेशान हैं।
कर्मचारी बैंक में एक प्रमुख हितधारक जम्मू-कश्मीर सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं तथा बातचीत के माध्यम से विवाद का समाधान करने का आग्रह कर रहे हैं।
बैंक के प्रबंध निदेशक बलदेव प्रकाश का कहना है कि यह नीति गैर-विवादास्पद है और इसे निदेशक मंडल द्वारा विधिवत मंजूरी दी गई है।
बलदेव ने यूनीवार्ता से कहा कि कुछ असंतुष्ट लोग हैं जो इसे एक विवादास्पद नीति करार दे रहे हैं लेकिन इसे बैंक के निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चेतावनी पत्र जारी करना डराने-धमकाने की एक कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य असहमति को दबाना और कर्मचारियों को अपने अधिकारों का दावा करने से हतोत्साहित करना है।