मल्टीमीडिया डेस्क। अब देश की राजधानी दिल्ली से मायानगरी मुंबई का सफर तय करने में सिर्फ 12 घंटे लगेंगे। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने दिल्ली से मुंबई के बीच नया सुपर एक्सप्रेस हाईवे बनाने को मंजूरी दे दी है। इसके बनने के बाद कार से दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे के बजाए 12 घंटे में ही पूरा जाएगा।
खुद सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी। फिलहाल वड़ोदरा से मुंबई के बीच एक्सप्रेसवे के निर्माण का टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पर 44 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। केवल दिल्ली-मुंबई के बीच ही नहीं देश के इन शहरों को जोड़ने के लिए भी एक्सप्रेस हाईवे बनाने का काम होना है। जिससे इन शहरों का विकास होगा और आवाजाही में लगने वाला वक्त भी बचेगा।
इसी कड़ी में दिल्ली से गुरुग्राम के बीच गरुग्राम-सोहना रोड बनाना प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 1250 करोड़ खर्च होंगे।
ऐसे खास होगा गुरुग्राम-सोहना एक्सप्रेसवे-
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनचएआई ने दिल्ली-गुड़गांव के बीच टैफिक जाम की समस्या खत्म करने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे को बढ़ाने का फैसला किया है। 1255 करोड़ की लागत से ये गुरुग्राम-सोहना के बीच ये एक्सप्रेस वे तैयार होगा। एनचएआई ने नेशनल हाईवे-8 के विकास के लिए एलओए जारी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत नेशनल हाईवे-8 पर 9 और 13 किलोमीटर के दो अलग-अलग सेक्शन पर काम होगा। इसमें सिक्स-लेन सड़क के अलावा चार छोटे ब्रिज, एक फ्लायओवर और पांज फुटओवर ब्रिज बनेंगे।
गुरुग्राम-सोहना रोड के इस हिस्से के बन जाने से NH-8 पर पहुंचने का लोगों को एक और रास्ता मिल जाएगा। जो आगे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को जोड़ देगा। इससे दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर यातायात के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
ऐसा होगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे-
इसके अलावा दिल्ली से मेरठ के बीच भी एक्सप्रेस-वे बन रहा है। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को पांच हिस्सों में बांटा है- निजामुद्दीन ब्रिज से यूपी सीमा( 9 किमी), गाजियाबाद से डासना, डासना से मेरठ, डासना से हापुड़ और हापुड़ से मेरठ को जोड़ने वाली सड़क का काम इस प्रोजेक्ट में शामिल है। निजामुद्दीन ब्रिज से उत्तर प्रदेश की सीमा तक इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 841 करोड़ का खर्चा आएगा। इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में कुल पांच फ्लायओवर बनाए जाएंगे। पूरे प्रोजेक्ट की लागत साढ़े सात हजार करोड़ होगी।
यह देश का पहला एक्सप्रेस वे है, जो 14 लेन का है। इसके दोनों ओर ढाई-ढाई मीटर का साइकल ट्रैक भी बनाया गया है। इस एक्सप्रेस वे की छह लाइनों के दोनों ओर चार-चार लेन का नेशनल हाईवे होगा। इन दोनों के बीच एंट्री और एग्जिट के कुछ पॉइंट्स भी बनाए गए हैं, ताकि अगर एक्सप्रेस वे से आते हुए कोई वाहन नेशनल हाईवे पर आना चाहे तो आ सकेगा। इसे खूबसूरत बनाने पर भी जोर दिया है। इसलिए निजामुद्दीन ब्रिज के नीचे कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ की प्रतिकृति लगाई गई है। दिल्ली को मेरठ से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे पर 15 अप्रैल से गाड़ियां दौड़ने लगेंगी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे।
बन रहा चार धाम एक्सप्रेस-वे-
इसके अलावा चार धाम यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को राहत पहुंचाने के इरादे से चार धाम एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 900 किमी नेशनल हाईवे बनाया जाएगा। जिसे बनाने में 12 हजार करोड़ खर्च होंगे। इसमें मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण, लैंडस्लाइड से बचाने के उपाय, सुरंग और एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है।
शुरुआत में उस हिस्से के लिए दो हजार करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। जिसे लेकर विवाद की स्थिति नहीं है। इस प्रोजेक्ट के 2018 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बन जाने के बाद गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ पहुंचने का वक्त काफी कम हो जाएगा और हर मौसम में भक्त यात्रा कर सकेंगे।