
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मंदिरों में छुआछूत को मानवता पर कलंक बताते हुए आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मानसिकता के अंदर छुआछूत की भावना हैं, इसलिए मंदिरों में इस तरह की हरकते हो रही है।
श्री गहलोत ने महान समाजसेवी महात्मा ज्योबा फुले जयंती पर शुक्रवार को यहां उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि छुआछूत मानवता पर कलंक है और आरएसएस संगठन जो अपने को सांस्कृतिक संगठन के लोग एवं राजनीति से कोई मतलब नहीं बताता हैं, वह क्यों नहींं आगे आकर कहता कि देश भर में छुआछूत मिटाने के लिए आंदोलन चलायेंगे। आज देश में उनकी विचारधारा की भाजपा सरकार हैं और उनके लिए एक अच्छा मौका हैं और उन्हें आगे आकर कहना चाहिए कि हम छुआछूत समाप्त करके ही रहेंगे। इसके लिए आरएसएस के मोहन भागवत क्यों नहीं आगे आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं में आपस में छुआछूत हो रही है, यह जिम्मेदारी समाज की है और आरएसएस-भाजपा को इसमें सहयोग करना चाहिए। आरएसएस को देश में आह्वान करना चाहिए कि हम हिन्दू आपस में कोई छुआछूत की भावना नहीं रखेंगे। इसके लिए वे क्यों नहीं आगे आ रहे हैं।
श्री गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब मंदिरों में किसी के आने पर गंगाजल छिड़का जाता हैं तो ऐसे में आरएसएस-भाजपा के लोग कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रहे हैं तो यह उनकी मानसिकता प्रकट हो रही है। आरएसएस और भाजपा के लोगों को आगे आकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए कि अशोक गहलोत जो यह आरोप लगा रहे हैं वह गलत हैं और हम किसी प्रकार से छुआछूत को बर्दाश्त नहीं करेंगे, इन्हें आगे आकर कहना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सबके दिमाग में है कि आरएसएस-भाजपा की मानसिकता के अंदर छुआछूत की भावना है, इसलिए मंदिरों में यह इस तरह की हरकतें हो रही है।