मंडला: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मध्यप्रदेश के आदिवासीबहुल क्षेत्र मंडला से हुंकार भरते हुए आदिवासियों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस को जम कर घेरा और कहा कि आदिवासियों के विकास के लिए बनाए गए ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड’ के स्थान पर कांग्रेस ने ‘डायनेस्टी मैनेजमेंट फंड’ बना लिया।
श्री शाह भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और संपत्तिया उइके भी उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का एकमात्र मकसद परिवार को आगे बढ़ाना, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर व्यक्ति को आगे बढ़ाना है। पिछले 10 साल में सरकार ने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। इसी क्रम में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गरीब कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों के आंकड़े भी गिनाए।
श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस ने 55 साल में जनजातीय कल्याण के लिए क्या किया। राहुल गांधी बताएं कि क्या राष्ट्रपति पद पर किसी गरीब आदिवासी को बैठाया गया। कांग्रेस ने आदिवासियों को हमेशा छला। अटल सरकार में जनजातीय कल्याण मंत्रालय बनाया गया। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान पेसा अधिनियम लाया गया।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड’ बनाया, जिसमें मिनरल की एक निश्चित आय स्थानीय जिलों के विकास के लिए दी जाती है। लगभग एक लाख करोड़ रुपया इस कोष का आज आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए जा रहा है। कांग्रेस ने इसके स्थान पर ‘डायनेस्टी मैनेजमेेंट फंड’ बना कर परिवार और परिवारवादियों को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी चाहते हैं कि देश आगे बढ़े और कांग्रेस बेटे-बेटी को आगे बढ़ाना चाहती है। ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पंवार अपनी बेटी को और स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। जो हमेशा अपने परिवार की सोचते हैं, वे जनता का कभी सोच सकते हैं क्या। वंचितों के बारे में सिर्फ मोदी सोच सकते हैं।
उन्होंने राम मंदिर का संदर्भ देते हुए कहा कि आगामी 17 अप्रैल को रामनवमी पर 500 साल बाद रामलला अपना जन्मदिन अपने घर में मनाएंगे।
कांग्रेस को चेतावनी देते हुए श्री शाह ने कहा कि वैसे तो कांग्रेस सपने में भी शासन में नहीं आ सकती, लेकिन अगर कभी आ भी गई, तो धारा 370 को हाथ ना लगाए। धारा 370 को हटाना भाजपा के कार्यकर्ताओं का फैसला है। कश्मीर को भारत से कोई छीन नहीं सकता।