वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर नियमित तौर पर विचार-विमर्श करते हैं।
उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब एक आधिकारिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल मणिपुर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हुआ था।
अमेरिका में लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी रॉबर्ट एस गिलक्रिस्ट ने अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन द्वारा मानवाधिकार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, ”अमेरिका और भारत लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दों पर नियमित तौर पर विचार-विमर्श करते हैं।”
गिलक्रिस्ट ने कहा, ”हम भारत से मानवाधिकार संबंधी अपने दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने का आग्रह करते हैं। हम अमेरिका और भारत दोनों में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ भी नियमित रूप से मिलते हैं ताकि उनके दृष्टिकोण को सुना जा सके, जिसके बाद इसे मानवाधिकार आयोग को सूचित किया जाता है। हम भारत सरकार को विधित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले नागरिक समाज संगठनों के साथ नियमित रूप से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के कार्यालय पर भारतीय कर अधिकारियों के छापे और गुजरात की एक अदालत द्वारा विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को दी गई दो साल जेल की सजा का भी उल्लेख किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मानवाधिकार संगठनों, अल्पसंख्यक राजनीतिक दलों और प्रभावित समुदायों ने मणिपुर में हिंसा रोकने और वहां देर से सहायता पहुंचाने के लिए भारत सरकार की आलोचना की।