डोडोमा। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर तंजानिया दौरे पर पहुंचे हैं। वहां उन्होंने कहा है कि कुछ अन्य देशों के विपरीत भारत एक अधिग्रहीत अर्थव्यवस्था नहीं है और संसाधन संपन्न अफ्रीकी महाद्वीप में संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां नहीं चला रहा है।
भारतीय विदेश मंत्री ने मिशन आईटी (इंडिया और तंजानिया) के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह मिशन इस देश की कुछ सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं को संबोधित करता है। भारत यहां अन्य देशों की तरह संकीर्ण आर्थिक उद्देश्यों के लिए मौजूद नहीं है। भारत के लिए यह एक व्यापक और गहरी साझेदारी है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को एक योगदानकर्ता के रूप में देखती है। दुनिया भारत, भारतीय कंपनियों, भारतीय प्रौद्योगिकियों, भारतीय क्षमताओं को उनके लिए बेहतर जीवन बनाने में मदद करने वाले के रूप में देखती है।
एस जयशंकर ने तंजानिया के दार-एस-सलाम शहर में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। भारतीय समुदाय से मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दार एस सलाम में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ रोचक बातचीत हुई। मजबूत भारत-अफ्रीका संबंध, विशेष रूप से पूर्वी अफ्रीका के साथ हमारे गहरे संबंधों पर जोर दिया गया। भारत और तंजानिया का संबंध हृदय भावना की एकजुटता और हितों की पारस्परिकता है। यह माना जाता है कि भारतीय समुदाय इस रिश्ते की अभिव्यक्ति, योगदानकर्ता और शक्ति हैं। उन्होंने बताया कि कैसे भारत और तंजानिया की दोस्ती तंजानिया के औसत जीवन में बदलाव ला रही है। हमारी जल परियोजनाओं से सालाना 750 स्लॉट के साथ 80 लाख लोगों को लाभ होगा।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तंजानिया प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में भारत का सबसे बड़ा अफ्रीकी साझेदार है। भारतीय समुदाय ऐतिहासिक रूप से आपसी रिश्ते की ताकत का स्रोत रहा है। जैसे-जैसे हमारे संबंधों का विस्तार होगा, वैसे-वैसे उनकी भूमिका भी बढ़ेगी। आज हम अफ्रीका को विकसित होते देखना चाहते हैं। हम अफ्रीकी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित होते देखना चाहते हैं। आज अफ्रीका के प्रति हमारा दृष्टिकोण अफ्रीका के साथ अधिक व्यापार करना, अफ्रीका में निवेश करना, अफ्रीका के साथ काम करना, अफ्रीका में क्षमताएं बनाना है, ताकि अफ्रीका का भी उत्थान हो जैसे भारत जैसे देश एशिया में बढ़ रहे हैं।