चीन ने किए कई झूठे दावे, जानिए क्या है उसके प्रॉपेगेंडा की खबर

asiakhabar.com | April 4, 2018 | 4:27 pm IST
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नई दिल्ली। नए-नए अविष्कारों में अमेरिकी, जापानी और यूरोपीय बादशाहत को चुनौती देने के लिए चीनी ड्रैगन अफवाहों का सहारा ले रहा है। मई 2017 से चीनी स्टेट मीडिया यह दावे कर रहा था कि हाई स्पीड रेलवे, ऑनलाइन शॉपिंग, मोबाइल पेमेंट एंड शेयरिंग बाइक्स की खोज उन्होंने की हैं।

हाल ही में दुनिया के तमाम देश तब हैरान रह गए जब दशकों पूर्व हुई खोजों पर नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) एक सदस्य पोनी मा ने भी अपनी मोहर लगा दी। इस दावे का हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। इन चारों तकनीकों का उद्गम चीन में नहीं हुआ है, बल्कि कई दशक पहले विभिन्न देशों में इनका ईजाद हुआ।

इनोवेशन नेशन बनने का चाह

बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी ने मई 2017 में 20 देशों से पढ़ने आए अपने छात्रों से ऐसी तकनीकों की सूची मांगी, जो वे चीन से वापस लेना चाहते हों। छात्रों की सूची में हाई स्पीड टे्रन, मोबाइल पेमेंट, बाइक शेर्यंरग और ई-कॉमर्स शीर्ष पर रहे। इसके बाद चीनी मीडिया और अधिकारी खुलकर ये प्रोपेगेंडा करने लगे कि आधुनिक युग के यह चार महत्वपूर्ण अविष्कार चीन में ही हुए हैं। दरअसल चीन 2020 तक खुद को दुनिया में इनोवेशन नेशन के तौर स्थापित करना चाहता है, इसलिए चीनी सरकार तकनीक विकास पर जोर दे रही है। इन चार नई खोजों को प्राचीन चीन के चार महान अविष्कारों- कागज का निर्माण, गन पाउडर, प्रिंटिंग और दिशासूचक से भी जोड़ रहे हैं।

हाई स्पीड रेल

वर्ल्डवाइड रेल ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया की पहली हाई स्पीड ट्रेन 1964 में जापान में शुरू हुई। जापानी शिंकानसेन नाम की इस ट्रेन की रफ्तार 210 किलोमीटर प्रति घंटे थी। हालांकि, इसके पूर्व 1955 में ही फ्रांस में एक ट्रेन की गति 331 किलोमीटर प्रति घंटे रिकॉर्ड की गई थी। लेकिन टोकयो से ओसाका के बीच नियमित सेवा देने के कारण जापान की बुलेट ट्रेन को ही पहली हाई स्पीड ट्रेन माना जाता है। चीन में वर्ष 2008 में ओलंपिक खेलों के दौरान बीजिंग से तियांजिन के बीच पहला हाई स्पीड रेल लाइन बिछाई गई।

मोबाइल पेमेंट

मोबाइल उपकरण से पेमेंट करने की शुरुआत 1997 में फिनलैंड में हुई। वहां के टेलीकॉम फिनलैंड ने ऐसी वेंडिंग मशीनें लगवाईं जिनसे ड्रिंक्स लेने के लिए एक पे-फोन नंबर पर फोन करना पड़ता था। ऐसे ही नंबरों पर कॉल करके गाने सुने जा सकते थे। हेलसिंकी एयरपोर्ट पर लगी मशीन में भी ऐसी ही सुविधा थी। कुछ लोगों का मानना है कि मोबाइल पेमेंट तकनीक की शुरुआत तब हुई जब एप्पल कंपनी ने 2014 में आइफोन और आइपैड में एप्पल पे सुविधा प्रदान की।

ई-कॉमर्स

1990 के दशक में ई-कॉमर्स लोकप्रिय हुआ और 1995 में अमेजन, ई-बे जैसी वेबसाइट्स ने इसे जन-जन के लिए उपयोगी बना दिया। हालांकि 1979 में इंग्लैंड के निवासी माइकल एल्ड्रिक ने ऑनलाइन शॉपिंग कांसेप्ट खोज की थी। वीडियोटेक्स नामक तकनीक के जरिए उन्होंने अपने सामान्य टीवी सेट को टेलीफोन लाइन के सहारे स्थानीय दुकानदार के कंप्यूटर से जोड़ दिया। इसके बाद घर से ही बैठकर शॉपिंग की।

बाइक शेर्यंरग

1960 में नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टरडम में पहली बार बाइक शेर्यंरग की शुरुआत हुई। इसे व्हाइट बाइसाइकिल प्लान नाम दिया गया। हालांकि पुलिस ने चोरी के डर से सभी बाइक्स को जब्त कर लिया। 1990 में यूरोप के शहरों में बड़े पैमाने पर बाइक शेर्यंरग योजनाएं शुरू हुईं। माना जाता है कि कोपेनहेगेन में इस मामले में अग्रणी देश रहा।

पैठ बनाता चीन

भले ही चीन ने इन तकनीकों की शुरुआत न की हो मगर वह इन सबमें बाकी देशों से कहीं आगे निकल गया है।

हाइस्पीड रेल : 25 हजार किमी लंबा दुनिया का सबसे बड़ा हाइस्पीड रेल नेटवर्क यहां है।

मोबाइल पेमेंट : 2017 के शुरुआती दस महीनों में 12.7 लाख करोड़ डॉलर का मोबाइल पेमेंट हुआ। दुनिया में सर्वाधिक।

ई-कॉमर्स : 70 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ चीन दुनिया का सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता ई-कॉमर्स बाजार बन गया है।

बाइक शेर्यंरग : यहां 40 करोड़ रजिस्टर्ड बाइक-शेर्यंरग उपभोक्ता और 2.3 करोड़ शेयर्ड बाइक्स हैं।


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