संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में राजनयिकों की गाजा पर अमेरिका की ओर से तैयार प्रस्ताव पर बातचीत जारी है लेकिन प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम की मांग के महत्व को कम कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पॉलींस्की ने यह जानकारी दी है।
अमेरिका ने गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले प्रस्तावों को विफल करने के लिए पिछले पांच महीनों में तीन बार सुरक्षा परिषद में अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया है।
श्री पॉलींस्की ने कहा कि सुरक्षा परिषद के बाकी सदस्य तत्काल युद्धविराम की मांग और राफा में इजरायली अभियान का विरोध करने वाले प्रस्ताव के प्रयासों में अमेरिका बाधा डाल रहा है। गुरुवार को जारी किए गए अमेरिकी प्रस्ताव में इजरायली अभियान का उल्लेख करते हुए कहा गया “राफा में जमीनी हमले से नागरिकों को और अधिक नुकसान होगा तथा संभावित रूप से पड़ोसी देशों में उनका विस्थापन भी होगा।”
उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर 2023 को, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास ने गाजा से इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया और सीमा का उल्लंघन किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और लगभग 240 अन्य का अपहरण कर लिया गया। इजरायल ने जवाबी हमले शुरू किए, गाजा की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया और हमास लड़ाकों को खत्म करने और बंधकों को बचाने के घोषित लक्ष्य के साथ फिलिस्तीनी इलाके में जमीनी घुसपैठ शुरू कर दी।
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि गाजा पट्टी में अब तक करीब 31,300 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा, 24 नवंबर को, कतर ने इजरायल और हमास के बीच एक अस्थायी संघर्ष विराम और कुछ कैदियों और बंधकों की अदला-बदली के साथ-साथ गाजा पट्टी में मानवीय सहायता के वितरण पर एक समझौते में मध्यस्थता की। युद्धविराम को कई बार बढ़ाया गया और यह एक दिसंबर को समाप्त हो गया। माना जाता है कि गाजा में अभी भी 100 से अधिक बंधक हमास के पास हैं।