यरुशलम। मिस्त्र की सीमा पर स्थित रफाह शहर पर इजराइली सेना के बड़े हमले और भारी हिंसा की आशंका से अमेरिका सहित पूरा विश्व इस हमले के खिलाफ नजर आ रहा है। हालांकि रफाह के बाहरी इलाके में इजराइली सेना और फलस्तीनी लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई जारी है। इस संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए हैं। इस बीच लगभग 1,10,000 लोगों के रफाह छोड़कर खान यूनिस के नजदीक सुरक्षित स्थान पर जाने की सूचना है। संयुक्त राष्ट्र ने रफाह में इजराइली कार्रवाई से भारी खून
खराबे की आशंका जताते हुए गंभीर चिंता जताई है। इजराइल की युद्ध संबंधी निर्णय लेने वाली कैबिनेट ने रफाह में सैन्य कार्रवाई को बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव पारित कर दिया है। सोमवार से रफाह के पूर्वी भाग में इजराइली सेना की कार्रवाई चल रही थी। अब माना जा रहा है कि इजराइली सेना किसी भी समय बड़ा हमला बोलकर रफाह शहर में घुस सकती है। इस दौरान हमास और इस्लामिक जिहाद ग्रुप के लड़ाकों से उसका टकराव हो सकता है। इस टकराव में बड़ी संख्या में निर्दोष फलस्तीनी मारे जा सकते हैं। इस समय करीब 13 लाख बेघर फलस्तीनी रफाह में शरण लिए हुए हैं। भारी खूनखराबे की आशंका से अमेरिका सहित दुनिया के लगभग सभी देश रफाह में इजराइल की कार्रवाई के खिलाफ हैं लेकिन इजराइल बिना किसी के समर्थन के अकेले ही लड़ने को तैयार है। इस बीच इजराइली सेना ने रफाह क्रॉसिंग पर खाद्य पदार्थों से लदे ट्रक रोक दिए।
रफाह पर कार्रवाई से पहले राहत सामग्री लेकर जा रहे इन ट्रकों को रोका गया है। इसके कारण गाजा में लोगों के भूखमरी का खतरा पैदा हो गया है। साथ ही इन ट्रकों में लदा सामान भी खराब हो रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र आमसभा अब फलस्तीन को नए अधिकार और सुविधाएं देने पर विचार करेगी। साथ ही सुरक्षा परिषद से अनुरोध करेगी कि वह फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र के 194 वें सदस्य के रूप में मान्यता दे।