सड़क पर सुरक्षा

asiakhabar.com | August 24, 2024 | 5:15 pm IST

रोमेश एक दिन जब बाजार जा रहा था तो रास्ते में एक चैराहे पर लगी भीड़ देखकर ठिठक गया। आसपास के लोगों की बातें सुनने से उसे पता चला कि वहां कोई एक्सीडेंट हुआ है। रोमेश ने वहां खड़े एक सज्जन से जब इसके बारे में पूछा तब उन्होंने बताया कि दुर्घटना रेड लाईट क्रॉसिंग की वजह से हुई थी। रोमेश को बहुत बुरा लगा उसने सोचा कि हर चैराहे, हर मोड़, स्कूल-कॉलेज, घर आदि सभी जगहों पर जब सड़क पर चलने के नियम कायदों का पालन करने के बारे में बताया जाता रहता है तो फिर आखिर लोग इन सबका पालन क्यों नहीं करते।
रोमेश अभी यही सब सोच रहा था कि उसने सामने साईकिल से आ रहे अपने दोस्त सौरभ को देखा, रोमेश ने सौरभ को आवाज लगाई पर सौरभ का ध्यान कहीं और था। रोमेश ने देखा कि सौरभ कान में हैडफोन लगाकर गाने सुनता हुआ जा रहा था तो भला उसे आसपास की आवाज कैसे सुनाई देती। सौरभ तो आगे बढ़ गया पर रोमेश अपने दोस्त व लोगों की लापरवाही से खिन्न हो घर वापस आ गया।
अगले दिन स्कूल था। रोमेश जब स्कूल पहुंचा तो उसने देखा सौरभ के एक हाथ में पट्टा बंधा हुआ था, सौरभ ने रोमेश को बताया कि कल साईकिल से मार्केट जाते समय सामने से आ रही कार का हार्न वह नहीं सुन सका ओर जब कार बहुत पास आ गई तो जल्दबाजी में साईकिल घुमाने के चक्कर में गिर पड़ा जिससे हाथ में फ्रेक्चर हुआ है।
रोमेश ने सौरभ से कहा- हां कल जब तुम हैडफोन लगाकर साईकिल से जा रहे थे तब मैं भी उसी रास्ते पर था, मैंने तुम्हें बहुत आवाज दी पर वह भी तुम्हें सुनाई नहीं दी… सौरभ क्या तुम्हें पता नहीं कि हैडफोन सुनते हुए या मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करना तुम्हारे या किसी अन्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है इस तरह की दुर्घटना में किसी की जान भी जा सकती है।
सौरभ बोला- रोमेश तुम सही कह रहे हो, मैंने पहले भी कई बार यह सब सुना था पर मैं तो हमेशा ही ऐसा करता हूं, पहले कभी मेरे साथ कोई दुर्घटना नहीं हुई इसलिए मैं इस ओर से निश्चिंत था किन्तु कल हुए हादसे से मैं बहुत डर गया हूं … कल मुझे पता चल गया कि नियमों से चलना कितना जरूरी है, अब तक मैं जो कुछ भी कर रहा था वह गलत था।
रोमेश ने सौरभ से कहा- हां सौरभ जो गलत है वह गलत है.. आज नहीं तो कल गलती करने वाले को पछताना ही पड़ता है, नियम-कायदे हमारी सुरक्षा के लिए ही बने हैं इन्हें निभाना हमारा फर्ज बनता है।
सौरभ रोमेश की बात को समझ रहा था उसने रोमेश से कहा तुम सच कह रहे हो रोमेश, अब से मैं हमेशा सड़क पर चलते समय नियमों का पालन करूंगा।
रोमेश ने कहा- सौरभ सिर्फ तुम ही नहीं ऐसे और भी बहुत लोग हैं जो सड़क पर चलने के नियम-कायदों को गंभीरता से नहीं लेते, लोगों की इसी लापरवाही की वजह से आए दिन सड़क पर हादसे होते रहते हैं… मैं सोचता हूं कि हमारा भी फर्ज बनता है कि हम न सिर्फ स्वयं नियमों का पालन करें बल्कि इनका पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करें, लोगों को बताएं कि सड़क पर चलने के लिए बने नियमों को तोड़ना कितना अहितकर हो सकता है। सौरभ बोला- यह तो बहुत अच्छी बात है रोमेश मैं तुम्हारे सा
रोमेश और सौरभ अपने स्कूल कैबीनेट का प्रतिनिधित्व करते थे, उन दोनों ने अपने प्रधानाचर्य से विचार विमर्श किया और स्कूल में सब कुछ अरेंज कर रैली निकालकर, स्लोगन बनाकर, पीपीटी प्रेजेंन्टेशन देकर तथा नाटकों के जरिए जगह-जगह सड़क सुरक्षा नियमों को पालन करने के लिए अपना संदेश पहुंचाया। उन्होंने लोगों को बताया कि नशे में वाहन चलाना, ड्रा्इविंग करते समय मोबाइल का प्रयोग करना, ओवरटेकिंग करना, गतिसीमा का पालन न करना, रेड लाईट क्रासिंग, सीट बेल्ट न बांधना, हैल्मेट न पहनना या यातायात के लिए बने संकेतों को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।
रोमेश और सौरभ के प्रयासों से हजारों लोगों ने यह सीखा कि वे नियमों की अवहेलना कर कितनी बड़ी गलती कर रहे थे। रोमेश और सौरभ बहुत खुश थे, उनके द्वारा लोगों को यातायात के नियमों के प्रति आगाह करने के प्रयासों की सब जगह बहुत सराहना हुई, उनके कार्यों से खुश होकर स्कूल तथा परिवाहन विभाग ने उन्हें सम्मानित भी किया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *