
-सुनील कुमार महला-
पहलगाम हमले के बाद हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए यह बात कही है कि ‘भारत आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगा। ‘ उन्होंने अपने संबोधन में कहा है कि ‘दुश्मनों ने घाटी में आए निहत्थे पर्यटकों को ही नहीं, भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है तथा भारत हमलावरों और साजिशकर्ताओं की पहचान करेगा, उनकी तलाश कर उन्हें सजा देना सुनिश्चित करेगा। ‘ उन्होंने कड़े शब्दों में यह बात कही है कि ‘आतंकवादियों और नृशंस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी तथा हमलावरों और साजिश रचने वालों को धरती के आखिरी कोने तक भी नहीं छोड़ेंगे। ‘ उन्होंने कहा कि ‘कोटि-कोटि देशवासी व्यथित है, कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश में एक जैसा आक्रोश है। ‘ वास्तव में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसा कहकर जहां एक ओर इस देश की आम जनता के आक्रोश को स्वर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने सीधे तौर पर उन ताकतों को भी सीधी चेतावनी दी है, जो भारत को आतंकवाद व आतंकियों के नाम पर अस्थिर करना चाहती है। कहना ग़लत नहीं होगा कि पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल पाकिस्तान को बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संदेश दिया है कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति ‘जीरो टालरेंस'(शून्य सहनशीलता) की है और भारत किसी भी हाल और परिस्थितियों में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। यहां पाठकों को बताता चलूं कि 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही थी कि ‘सुरक्षा बलों को कार्रवाई की पूरी छूट दे दी गई है और आतंकियों को इस हमले की भारी कीमत चुकानी होगी। ‘ उस समय उन्होंने कहा था कि ‘पाकिस्तान इस भ्रम में न रहे कि वह भारत को अस्थिर कर सकता है। ‘ वास्तव में उस समय प्रधानमंत्री ने जो कहा, वो करके दिखाया था। यहां यह बात गौरतलब है कि 26 फरवरी 2019 की सुबह तीन बजे के करीब पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर भारतीय लड़ाकू विमानों ने हमला कर उन्हें तबाह कर दिया था। बहरहाल, पाठकों को मालूम होगा कि पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। मसलन, सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित कर दिया गया, सिंधु जल संधि(1960) का निलंबन किया गया तथा पाकिस्तान पर विभिन्न व्यापारिक प्रतिबंध और कूटनीतिक निष्कासन भी किया गया। भारत ने वाघा‑अटारी सीमा सील होने के बाद दिल्ली‑लाहौर बस और समझौता एक्सप्रेस की टिकट बुकिंग भी रद्द कर दी। इतना ही नहीं पाक उच्चायोग के तीन सैन्य सहायक व दिल्ली दूतावास में तैनात दो आइएसआइ लिंक अधिकारियों को अवैध गतिविधियों के सबूत के आधार पर 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा तथा भारत ने अपने सैन्य सहायक व पाँच सहायक कर्मियों को इस्लामाबाद से वापस बुलाया गया। इसके साथ ही भारतीय और पाकिस्तानी उच्चायोगों की अधिकतम स्टाफ‑संख्या 30‑30 पर सीमित कर दी गई। इतना ही नहीं, वित्त मंत्रालय ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी व्यापारिक रियायतें वापस ले ली तथा 200 % सीमा शुल्क पुनः लागू कर दिया गया और पाकिस्तान को निर्यातित होने वाले कपास, चीनी और सीमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके साथ ही सुरक्षा आयात‑निर्यात परिषद ने एलओसी ट्रेड फैसिलिटी (श्रीनगर‑मंगल) पर भी अस्थायी रोक लगा दी। वास्तव में कश्मीर घाटी‑मुज़फ़्फ़राबाद ट्रक रूट बंद रहने से सालाना 1, 500 करोड़ रुपये के अनौपचारिक व्यापार पर असर पड़ेगा।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों के साथ सामरिक समीक्षा कर सीमा पार लॉन्च‑पैड्स पर प्री‑एम्प्टिव स्ट्राइक के विकल्पों को अंतिम रूप दिया है तथा सीमांत क्षेत्रों में आर्टिलरी यूनिट्स को ‘नो वार्निंग, फुल रिस्पॉन्स’ निर्देश मिला है। विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों और जी‑20 सहयोगियों को आधिकारिक डिमार्शे जारी कर भारत की कार्रवाई का समर्थन माँगा है। जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने जम्मू‑कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले ग्रामीणों के लिए निकटतम राहत‑शिविर तैयार रखने के निर्देश भी जारी किए हैं। बहरहाल, कहना ग़लत नहीं होगा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो आतंकवाद और आतंकियों को प्रश्रय देता आया है और उस पर आज ‘आतंकवाद और आतंकियों’ का बदसूरत दाग लग चुका है। कितनी बड़ी बात है कि आतंकियों ने धार्मिक पहचान पूछकर देश में नफ़रत और विभाजन की आग फैलाने की कोशिश की और घटना को अंजाम दिया। एक आतंकी का पर्यटक से यह कहना, ‘जाओ, अपनी सरकार को बताओ’, साफ दर्शाता है कि यह हमला देश के नेतृत्व को चुनौती देने की कोशिश थी। आज पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ ही नहीं है बल्कि पाकिस्तान भारत में नशीली दवाओं और हथियारों की भी तस्करी कर रहा है। वह सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोनों द्वारा नशा पहुंचा कर भारत की युवा पीढ़ी को तबाह करने की लगातार कोशिशें कर रहा है और इसके बहुत से प्रमाण हैं। पाठकों को बताता चलूं कि यदि हम यहां मात्र अप्रैल माह की ही बात करें तो इस प्रकार की(नशा तस्करी) अनेक घटनाएं सामने आईं हैं। एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक में छपे संपादकीय के अनुसार 17 अप्रैल को गुरदासपुर जिला पुलिस ने सीमावर्ती गांव ‘ठाकुरपुर’ से पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा हैरोइन मंगवाने वाले 3 तस्करों को गिरफ्तार करके उनके पास से 255 ग्राम हैरोइन और 2 पिस्तौल बरामद की गई।
इसी तरह से 20 अप्रैल को बी.एस.एफ. ने अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों के गांवों में कार्रवाई के दौरान खेतों से 3 पाकिस्तानी ड्रोन और 545 ग्राम हैरोइन बरामद की। इतना ही नहीं, 22 अप्रैल को बी.एस.एफ. ने सीमावर्ती गांव ‘बल्लड़वाल’ के इलाके में ड्रोन से फेंकी 40 करोड़ रुपए की हैरोइन सहित 2 ग्रेनेड, आई.ई.डी. विस्फोटक, रिमोट, 2 विदेशी पिस्तौल व 5 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इतना ही नहीं, 23 अप्रैल को बी.एस.एफ. अमृतसर सैक्टर की टीम ने 4 अलग-अलग सीमावर्ती गांवों में 8 करोड़ रुपए का नशा व ड्रोन जब्त किए। गांव ‘हरदोरत्न’ में 6 कारतूस, पिस्तौलों के पुर्जे, मैगजीन व 593 ग्राम हैरोइन, गांव ‘मुहावा’ में एक पिस्तौल की मैगजीन व 574 ग्राम हैरोइन के अलावा ‘राजा ताल’ और ‘गल्लूवाल’ गांवों में 2 मिनी ड्रोन और 514 ग्राम हैरोइन पकड़ी। यहां पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि 23 अप्रैल को तरनतारन में ड्रग इंस्पैक्टर और पुलिस द्वारा एक मकान में संयुक्त छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में पाकिस्तान की बनी हुई 10 प्रकार की दवाएं भी जब्त की गईं हैं। वास्तव में पाकिस्तान भारत में हथियारों, ड्रग(नशीले पदार्थों) की तस्करी कर जहां भारत की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने का सपना संजो रहा है, वहीं दूसरी ओर वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद और आतंकी घटनाओं के माध्यम से भारत को कमजोर, अस्थिर, अशांत करने का भी सपना संजो रहा है लेकिन भारत पाकिस्तान के इस सपने को कभी भी पूरा नहीं होने देगा और पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों को नेस्तनाबूद करने की क्षमताएं रखता है। समय-समय पर भारत ने पाकिस्तानी आतंकवाद पर कड़ा प्रहार भी किया है लेकिन चीन और अमेरिका जैसे देश चोरी-छिपे पाकिस्तान को सहायता देते आए हैं।
हाल फिलहाल पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर विभिन्न प्रतिबंध लगाने से उसकी बौखलाहट साफ़ दिखाई पड़ रही है। कहना ग़लत नहीं होगा कि सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी, जो संधि के तहत पाकिस्तान को मिलता है, उसके पंजाब और सिंध प्रांतों की अर्थव्यवस्था की असली रीढ़ है। हालांकि भारत द्वारा पाकिस्तान का तत्काल प्रभाव से पानी रोकना इतना आसान काम नहीं है, जैसा कि इसके लिए बड़े बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है लेकिन भारत ने सिंधु जल समझौता के जल की आपूर्ति को रोकने की बात कहकर पाकिस्तान पर मनौवैज्ञानिक और रणनीतिक दबाव तो बना ही दिया है। पाठकों को बताता चलूं कि भारत ने पहलगाम हमले को लेकर यूएन में अपनी बात रखते हुए वैश्विक समुदाय से इस हमले की कड़ी निंदा की अपील की थी और भारत के समर्थन में अमेरिका, रूस व संयुक्त अरब अमीरात(यूएई), सऊदी अरब जैसे देश आगे आए हैं। सच तो यह है कि पहलगाम घटना के बाद विश्व भर में पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों की इस कायराना हमले की चर्चा हो रही है। जापान, फ्रांस और इजरायल भी हमारे साथ एकजुट होकर आगे आए हैं। इसके अलावा, ईरान, कुवैत और अन्य इस्लामी देशों ने भी इस हमले की निंदा की है और आतंकवाद के विरुद्ध भारत को समर्थन देने की बात कही है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेखी हसीना भी हमले से ‘बेहद आहत’ हैं। उन्होंने भी एक संदेश जारी करके इस संदर्भ में भारत के साथ खड़े होने की बात की है। वास्तव में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने की बात कही है।
इससे पाकिस्तान पर वैश्विक स्तर भी दबाव बढ़ेगा। सभी जानते हैं कि आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, लेकिन बावजूद इसके वह आतंकवाद और आतंकियों को प्रश्रय देने मंर लगा हुआ है। वास्तव में पाकिस्तान की यह सोच बन चुकी है कि वह आतंकवाद और आतंकियों की सहायता से भारत से पूर्व में हुए युद्धों का बदला ले लेगा, लेकिन शायद पाकिस्तान को इस बात का अंदाजा नहीं है कि भारत पाकिस्तान की तुलना में एक बहुत ही मजबूत, सुदृढ़ और हर रूप से विश्व का एक सक्षम राष्ट्र है। आज भारत वैश्विक स्तर पर एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभर रहा है और विश्व के सभी देश हर क्षेत्र में भारत का लोहा व भारत को आदर्श मानते हैं। अंत में यही कहूंगा कि पाकिस्तान का मकसद भारत में नफ़रत और विभाजन फैलाना और यहां की युवा पीढ़ी को आतंकवाद के नाम पर दिग्भ्रमित करना है, लेकिन भारत पाकिस्तान के मंसूबे कभी भी कामयाब नही होने देगा। अंत में यही कहूंगा कि -…’अमेरिकी शस्त्रों से अपनी आजादी को दुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो। दस बीस अरब डालर लेकर आने वाली बरबादी से तुम बच लोगे यह मत समझो। धमकी, जिहाद के नारों से, हथियारों से कश्मीर कभी हथिया लोगे यह मत समझो। हमलों से, अत्याचारों से, संहारों से भारत का शीष झुका लोगे यह मत समझो। ‘