बजट 2025 : समृद्ध सशक्त भारत की दिशा में ऐतिहासिक बजट,बिहार को मिली कई सौगातें : सर्वेश कश्यप

asiakhabar.com | February 2, 2025 | 4:47 pm IST

– सर्वेश कश्यप
पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री ने नए टैक्स सिस्टम के तहत 12 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए आयकर ख़त्म करके मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। 18 लाख रुपये की आय वाले व्यक्तियों को 70, 000 रुपये की कर छूट का लाभ मिलेगा, जबकि 12 लाख रुपये की आय वालों को 80, 000 रुपये की कर छूट मिलेगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान अपने पहले पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। पहले, केवल 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को आयकर से छूट थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, वेतनभोगी व्यक्तियों को 75, 000 रुपये की मानक कटौती का लाभ मिलेगा, जिसका अर्थ है कि 12.75 लाख रुपये तक की आय वालों को कोई आयकर नहीं देना होगा। हालांकि, इस सीमा से अधिक आय वाले किसी भी व्यक्ति पर अभी भी कर लगेगा।
18 लाख रुपये की सालाना आय वाले व्यक्तियों को 70, 000 रुपये की कर छूट का लाभ मिलेगा, जबकि 12 लाख रुपये की वार्षिक आय वालों को 80, 000 रुपये की कर छूट मिलेगी। ये बदलाव वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो आकलन वर्ष 2026-27 से मेल खाता है। इसके अतिरिक्त, 2025-26 के बजट में अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर चार साल करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को दोगुना करके 1 लाख रुपये करने की योजना शामिल है। सरकार ने आयकर स्लैब और दरों में संशोधन का भी सुझाव दिया। सीतारमण के अनुसार, नए कर ढांचे में 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं होगा, 4 लाख 1 से 8 लाख रुपये के बीच की आय पर 5% कर, 8 लाख 1 से 12 लाख रुपये के बीच की आय पर 10% कर, 12 लाख 1 से 16 लाख रुपये के बीच की आय पर 15% कर, 16 लाख 1 से 20 लाख रुपये के बीच की आय पर 20% कर, 20 लाख 1 से 24 लाख रुपये के बीच की आय पर 25% कर और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% कर लगेगा।
सरकार दरों और सीमाओं की संख्या में कटौती करके स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) प्रणाली को सरल बनाने की योजना बना रही है, जिससे करदाताओं के लिए यह आसान हो जाएगा। उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेश भेजे गए धन पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। शिक्षा ऋण के संदर्भ में, बजट में कुछ वित्तीय संस्थानों से 10 लाख रुपये तक के ऋण पर टीसीएस को समाप्त करने का सुझाव दिया गया है, जिससे छात्रों और उनके परिवारों को प्रक्रिया को और अधिक सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी। सरकार ने समय-समय पर नागरिकों पर कर का बोझ कम किया है। 2014 के बाद, शून्य कर सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2019 में 5 लाख रुपये और फिर 2023 में 7 लाख रुपये कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, नई कर प्रणाली के तहत, 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा।
हालांकि, यह पूंजीगत लाभ और इसी तरह की आय पर लागू नहीं होता है। संशोधित आयकर स्लैब और दरों के लाभों को इस प्रकार संक्षेप में प्रस्तुत किया जा सकता है, 12 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं की कर देयता शून्य हो जाएगी, जिससे उन्हें 80, 000 रुपये की बचत होगी। 16 लाख रुपये की आय वालों को 50, 000 रुपये का लाभ होगा। 18 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं को 70, 000 रुपये की बचत होगी। 20 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्तियों को 90, 000 रुपये का लाभ होगा। 25 लाख रुपये की आय वाले करदाताओं को 1, 10, 000 रुपये का लाभ मिलेगा। 50 लाख रुपये कमाने वालों को भी 1, 10, 000 रुपये का लाभ मिलेगा। 2025-26 के आम बजट में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के लिए न्यूनतम आय सीमा बढ़ा दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा 50, 000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है। किराये की आय पर टीडीएस की न्यूनतम आय सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है। इसके अलावा, विदेश में पैसा भेजने के लिए रिजर्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत, अब 6 लाख रुपये के बजाय 10 लाख रुपये से अधिक की राशि पर टीसीएस लागू होगा।
बजट 2025 में विशेष सौगात से मिथिला और बिहार के विकास को मिलेगी नई गति।
यह बजट मिथिला और बिहार के लिए कई महत्वपूर्ण सौगात लेकर आया है। नये एयरपोर्ट सहित बिहार की महत्वपूर्ण जरूरतों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी द्वारा विभिन्न अवसरों पर दिये गये सुझावों को इस बजट में समाहित किया गया है। यह बजट बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। स्वास्थ्यवर्धक ‘मखाना’ हमारे मिथिला का एक प्रमुख कृषि उत्पाद ही नहीं, पहचान भी है। देश-दुनिया में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान एक क्रांतिकारी फैसला है। मखाना बोर्ड की स्थापना से जहां मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं मखाना किसानों को वैश्विक बाजार में अपनी उपज को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। यह कदम मिथिला के किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा, और बिहार के कृषि क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा।
महत्वाकांक्षी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए सहायता की आस भी इस बजट से पूरी हुई है। बजट घोषणा से अतिरिक्त 50,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे मिथिला में कृषि उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आय में सुधार होगा। साथ ही कोसी नदी की बाढ़ का प्रभाव भी कम होगा। बिहार में एक ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही पटना एयरपोर्ट के विस्तार की घोषणा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन घोषणाओं से बिहार में एयर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और विदेश के लिए भी सीधी उड़ान सेवा शुरू होगी। इसके अलावा, पटना आईआईटी के विस्तार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी जैसे नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना की घोषणा से बिहार में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक उन्नति होगी। बिहार के हित में जो विशेष घोषणाएं की गई हैं, उनके बिहार के विकास की गति और तेज होगी। केंद्रीय बजट में बिहार को पिछले साल ढांचागत विकास के लिए मिली विशेष सहायता के बाद इस साल फिर से बिहार पर विशेष ध्यान दिये जाने के आधार पर हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि बिहार को विकसित एवं आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने के माननीय मुख्यमंत्री श्री Nitish Kumar जी के प्रयासों को नया बल मिलेगा और अगले पांच साल में बिहार विकास की एक बड़ी छलांग लगाएगा। बिहार के विकास से विकसित भारत के निर्माण के मोदी सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा।
अब तो विपक्षी दल भी बिहार को मिली विशेष सौगातों से विचलित हो कर इसे ‘बिहार का बजट’ बता रहे हैं। आयकर कटौती, छूट में वृद्धि और स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों के लिए नए प्रोत्साहन शुरू करके, सरकार मध्यम वर्ग की आय बढ़ाने और लंबे समय में सतत विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद करती है। 140 करोड़ देशवासियों के कल्याण तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाले इस बजट के लिए प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय वित्त मंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन ।


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