गगन में गूँज उठा नाम तुम्हारा

asiakhabar.com | December 28, 2024 | 4:32 pm IST

गगन में गूँज उठा नाम तुम्हारा
डॉ. विपुल कुमार भवालिया ‘विवान’
वरिष्ठ कवि
अलवर, राजस्थान
तुम मौन थे, मनमोहन थे,
तुम मंद मंद मुस्काते, सुनकर सब की बातें।
जब तुम मुंह खोलते, बोलते थे,
पूरा संसार सुनता, तुम्हारी अर्थपूर्ण बातें।।
उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण लागू कर,
विकास किया इस भारत देश का।
जनता को सूचना का अधिकार देकर,
दर्पण दिखाया सभी विभागों का।।
रोजगार गारंटी योजना देकर,
बेरोजगारों का बढ़ाया मान।
अमेरिका से न्यूक्लियर डील कर,
बढ़ा दिया था उन्होंने देश का सम्मान।।
पहचान के लिए आधार कार्ड लेकर आए,
अब कोई कैसे छुपाए अपनी पहचान।
शिक्षा का अधिकार भी लेकर आए,
अब बच्चों को, कोई क्यों ना पढाए।
ऐसी थी वह एकमात्र शख्सियत,
अब भी है देश को उसकी जरूरत।
न जाने कैसे भरपाई हो पाएगी,
यह है आज की बस हकीकत।।
ये आसमान भी यूँ रो पड़ा,
जब अंत समय आया तुम्हारा।
धरती ने आगोश में लिया,
गगन में गूँज उठा नाम तुम्हारा।।


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