केंद्रीय गृह मंत्री ने आस्त किया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दलितों, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का समर्थन करती है। न तो आरक्षण समाप्त करेंगे, न किसी को करने देंगे। राजस्थान में अलवर जिले के गांव हरसोली में शुक्रवार को एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस बारे में झूठी बातें फैला कर लोगों को गुमराह कर रही है। अलवर लोक सभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी भूपेंद्र यादव के समर्थन में आयोजित सभा में अमित शाह ने कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी पार्टी बताया। कहा कि यह बात इससे ही जाहिर हो जाती है कि कांग्रेस पार्टी ने सालों तक काका साहब कालेलकर रिपोर्ट को दबा कर रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया। केंद्र के सारे दाखिलों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम भी भाजपा ने किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं ओबीसी समाज से आते हैं, और उनके 27 से ज्यादा मंत्री भी ओबीसी समाज से हैं। मात्र कुछेक दिनों के भीतर यह दूसरी दफा है, जब आरक्षण की बाबत सरकार की तरफ से आश्वस्ति देनी पड़ी है। कुछ ही रोज पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि आरक्षण खत्म नहीं किया जाएगा। आज बाबा साहेब भी आ जाएं तो आरक्षण को खत्म नहीं किया जा सकता। दरअसल, सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ इस प्रकार की धारणा बना दी गई है कि वह मौका मिलते ही आरक्षण को खत्म कर सकती है। वैसे भी भाजपा के पूर्व अवतार जनसंघ को कांग्रेस पार्टी ने सवर्ण तबकों और व्यापारियों की पार्टी के रूप में प्रचारित कर दिया था। इस टैग से छुटकारा पाने के लिए उसे काफी मशक्कत करनी पड़ी। आज भी दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में गाहे बगाहे उसे सवर्ण जातियों के हितों की सरपरस्त पार्टी बता दिया जाता है। भले ही यह दुष्प्रचार कहा जाए लेकिन इस मामले में भाजपा को रक्षात्मक होकर सफाई देनी पड़ती रही है, और यही विरोधी पार्टियों की सफलता होती है कि वे सत्तारूढ़ पार्टी और उसके घटक दलों को रक्षात्मक मोड में लाकर सफाई देने के लिए विवश कर दें। जिस प्रकार पहले प्रधानमंत्री और अब गृह मंत्री ने आरक्षण को लेकर स्पष्टीकरण दिए हैं, उनसे लगता है कि उन्हें इस नरेटिव से हो सकने वाले राजनीतिक नुकसान का अच्छे से भान है।