नई दिल्ली। लगातार विवादों में बनी रहने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार कारण है दो बॉयज हॉस्टल में वार्डन की छापेमारी में लड़कियों के मिलना। वार्डन द्वारा की गई इस छापेमारी में 13 लड़कियां मिलीं जिनमें से कुछ कैंपस से बाहर की थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 अक्टूबर की रात कुछ छात्रों ने बाहरी लोगों के हॉस्टल में घुसने की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को दी थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पेरियार और ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में छापा मारा, जिसके बाद यहां लड़कों के कमरों में लड़कियां मिलीं।
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि जिन कमरों में लड़कियां मिली हैं, वहां के छात्रों समेत छात्राओं पर हॉस्टल नियमों के तहत कार्रवाई के अलावा जुर्माना भी लगाया जाएगा।
जेएनयू प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय नियमों के तहत बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल अलग-अलग होते हैं। बॉयज हॉस्टल में लड़कियां और गर्ल्स हॉस्टल में लड़के उनके कमरों में नहीं जा सकते हैं।
पेरियार और ब्रह्मपुत्र हॉस्टल का मामला –
अधिकारी के मुताबिक, पेरियार और ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में लड़कियां जांच में मिली थीं। वार्डन ने छात्रों की सूची बनाकर विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी भेजी है। इसके अलावा गर्ल्स हॉस्टल को भी लड़कियों की सूची सौंपी गई है। हॉस्टल नियमों के तहत उक्त छात्र-छात्राओं पर कार्रवाई होगी। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जाएगा। तीन लड़कियां और दो लड़के कैंपस से बाहर के भी थे।