हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी जो कि भारत भर के रेहड़ी-पटरी वालों का संयुक्त मंच है, ने आज देश भर के 200 से अधिक जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को रेहड़ी-पटरी वालों की मांगों का एक मांग पत्र सौंपने का काम किया। चूंकि आज ही के दिन 10 साल पहले पथ विक्रेता अधिनियम 2014 लागू हुआ था।
हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अलग-अलग राज्यों के नेताओं ने जिनमें दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, गोवा, असम सहित अन्य राज्यों के 200 से अधिक जिलों में अलग-अलग माध्यमों से मांगपत्र सौंपने का काम किया है।
इस मौके पर हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि,”पिछले दस वर्षों में पथ विक्रेता अधिनियम को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं लेकिन अभी भी इस कानून को मीलों का सफर तय करना बाकी है “उन्होंने मांगपत्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, इस मांग पत्र में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए जो प्रमुख मांगे हैं उसमें इनके लिए समावेशी विकास, स्थिरता, न्याय, सभी के लिए स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं और सबसे बड़ी बात जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की उभरती व्यवस्था से इन्हें मिल रही चुनौतियों से निपटने के उपाय हैं। पथ विक्रेताओं के लिए जो अधिनियम बनाया गया इसके पीछे जो दृष्टिकोण था वह यह रहा कि कैसे उनकी आजीविका की सुरक्षा हो तथा इनको व्यापक सामाजिक सुरक्षा मिल सके !वहीं हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एच एस रावत ने मांग किया कि “आइपीसी की धारा 283, 353 और 34 की पुनः समीक्षा की जाए और पथ विक्रेता को इन से बाहर रखा जाए। साथ ही जिन पथ विक्रेताओं पर 283/353 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं सभी वापस लिए जाएं”। हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी की महासचिव श्रीमती सुषमा शर्मा ने कहा कि” पथ विक्रेताओं के निवेश को सुरक्षित करने के लिए विशेष नीति बनाई जाए “। हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री असित साह ने अमृत भारत स्टेशन योजना में रेलवे के फेरीवालों के लिए कानूनी सुरक्षा बनाने और रेलवे से रेलवे प्लेटफॉर्म पर वेंडिंग कियोस्क केवल पथ विक्रेताओं को आवंटित करने और रेलवे स्टेशनों और जंक्शनों के बाहर पके हुए भोजन के लिए वेंडिंग जोन बनाने की मांग की”। वहीं हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के दूसरे कार्यवाहक अध्यक्ष श्री लक्ष्मण माने ने कहा कि “बड़े व्यवसायों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था से उत्पन्न प्रतिस्पर्धा से छोटे व्यवसाय को बचाने के लिए सरकार खुदरा और ई-कॉमर्स नीति बनाए जिससे छोटी पूंजी के दुकानदारों की आजीविका की सुरक्षा हो सके।”