नई दिल्ली। कथा में नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की जैसे बधाई गीतों पर पूरा पंडाल झूम उठा। श्रीकृष्ण के जन्म के प्रसंग और भगवान की लीला का भी वर्णन करते हुए बताया कि जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है, दुष्यों का अत्याचार बढ़ता है तो भगवान अवतरित होकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान विष्णु ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिए हैं। व्यासपीठ आचार्य पवन नंदन जी ने कहा कि श्री कृष्ण का गुणानुवाद श्रवणीय है और श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है। श्रीकृष्ण की कथा को निरंतर श्रवण करते रहना चाहिए क्योंकि निरंतर कृष्ण का गुणानुवाद सुनने मात्र से यह मन श्री कृष्ण के चरण कमल में लग जाता है। भगवान श्रीराम ने जिस चरित्र का पालन किया, जिस मर्यादा का पालन किया, उनके चरित्र का, उनके द्वारा बनाई हुई मर्यादा का पालन इस मनुष्य को निरंतर करते रहना चाहिए। भगवान भक्तों के कल्याण के लिए ही कभी राम रूप में प्रकट होते हैं, कभी कृष्ण रूप में प्रकट होते हैं और पृथ्वी का भार उतार कर सुंदर लीला करके अपने दिव्य धाम को चले जाते हैं।
कृष्ण जन्मोत्सव के समय पंडाल को गुब्बारे,फूल मालाओं से सजाया गया, कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। श्रद्धालुओं ने धूमधाम से संवाद के अनुसार जीवित प्रसंग का आनंद लिया, कथा का लाइव प्रसारण आचार्य पवन नंदन जी के यूट्यूब चैनल और भारतीय धरोरह संस्था के फेसबुक पेज के माध्यम से भी किया जा रहा है, जिसका भी श्रद्धालु भरपूर आनंद ले रहे है.
कथा आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं के लिए माखन मिश्री का प्रसाद आदि वितरण किया, इस धर्मार्थ कार्य में कपिल त्यागी, विजय शंकर तिवारी, सुचित सिंघल, सीपी बालियान, सुशील कुमार, अविनाश चंद्र, स्वाति चौहान, धीरज अग्रवाल, कमलकांत शर्मा आदि उपस्थिति रहे.