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नई दिल्ली नईदिल्ली के भारत मंडपम में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित विश्व पुस्तक मेला में प्रख्यात साहित्यकार और नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल ने अनेक पुस्तकों का लोकार्पण किया। अनुराधा प्रकाशन के स्टाल पर डॉ पाल ने ग्वालियर मध्यप्रदेश के श्री प्रकाश शिन्दे अबोध की नाट्य कृति ‘आस प्रयास ‘ दिल्ली की श्रीमती मधु कौशिक की आध्यात्मिक कृति ‘ परमात्मा की ओर ‘, इंदौर के पूर्व पुलिस अधिकारी श्री कैलाशी करुण कुमार उपाध्याय की प्रेरणास्पद पुस्तक ‘ जीवन की समस्याएं एवं उनका समाधान ‘ और दूरदर्शन के पूर्व निदेशक डॉ अजय कुमार ओझा की संपादित कृतियां – ‘ मैं गीध होना चाहता हूं ‘, ‘ भारतीय संस्कृति के सप्त आधार ग्रंथ ‘ और भोजपुरी कृति ‘ छलके छलके नयनिया के कोर ‘ का लोकार्पण किया। समारोह के संयोजक अनुराधा प्रकाशन के प्रबंध निदेशक डॉ मनमोहन शर्मा शरण ने डॉ पाल का शाल और कंठमाला भेंट कर स्वागत किया और डॉ पाल का परिचय देते हुए कहा कि आकाशवाणी के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ पाल नागरी लिपि परिषद के महामंत्री और न्यूयॉर्क, अमेरिका से प्रकाशित वैश्विक हिंदी पत्रिका सौरभ के प्रधान संपादक और हिंदी साहित्य के प्रख्यात समालोचक हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि डॉ पाल आज हमारे प्रकाशन गृह के स्टाल पर आकर नवोदित रचनाकारों की कृतियों के लोकार्पण के लिए पधारें हैं। डॉ पाल ने इस अवसर पर लोकार्पित कृतियों के रचनाकारों को उनकी कृतियों के लोकार्पण पर उन्हें हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये लोकार्पित कृतियां नई पीढ़ी की यथेष्ट मार्गदर्शन करने में समर्थ हैं।आशा है भविष्य में और भी श्रेष्ठ कृतियां आपकी लेखनी से जन्म लेंगी। ग्वालियर के नाटककार श्री प्रकाश शिन्दे को प्रकाशक की ओर से श्रेष्ठ कृति पुरस्कार दिया गया।
इससे पूर्व डॉ हरिसिंह पाल ने नागरी लिपि परिषद् द्वारा आयोजित विश्व पुस्तक मेला के लेखक मंच पर नागरी लिपि संगोष्ठी में क्रमश ओमप्रकाश बघेल, प्राचार्य भजन लाल हंस, सुप्रिया जैन, डॉ अजय ओझा, श्री उमाकांत खुबालकर की पुस्तकों और नागरी लिपि परिषद की मुख पत्रिका नागरी संगम और आथर्स गिल्ड आफ़ इंडिया की मुख पत्रिका इंडियन आथर्स का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ प्रेमचंद पातंजलि, केंद्रीय हिंदी निदेशालय एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ सुनील कुलकर्णी, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के निदेशक डॉ सुनील कुमार सिंह, आथर्स गिल्ड आफ़ इंडिया के महासचिव डॉ शिव शंकर अवस्थी भी उपस्थित थे। संचालन श्री अरुण कुमार पासवान और डॉ रश्मि चौबे ने किया।इस अवसर पर नागरी लिपि की वैज्ञानिकता पर शोध कार्य करने के लिए डॉ रश्मि चौबे को डॉ परमानंद पांचाल स्मृति नागरी सम्मान भी प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन नागरी लिपि परिषद के कोषाध्यक्ष आचार्य ओमप्रकाश ने किया।