वायु सेना अधिकारी की सौतेली मां को पेंशन से इनकार पर न्यायालय ने वायु सेना से किया सवाल

asiakhabar.com | April 25, 2025 | 4:20 pm IST

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या भारतीय वायुसेना के नियमों के तहत पारिवारिक पेंशन के लिए सौतेली मां के नाम पर विचार किया जा सकता है या नहीं, क्योंकि ”मां एक बहुत व्यापक शब्द है”।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के उस फैसले पर सवाल उठाया जिसमें छह साल की उम्र से अपने सौतेले बेटे का पालन-पोषण करने वाली एक महिला को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार कर दिया गया।
पीठ ने कहा, ‘‘मां एक बहुत व्यापक शब्द है।”
उसने कहा कि आजकल, दुनिया में बहुत सी चीजें हो रही हैं, ऐसे में बच्चे का पालन-पोषण केवल जैविक मां ही नहीं करती है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने वायुसेना के वकील से कहा, ”उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चा पैदा होता है और जैविक मां का निधन हो जाता है तथा पिता दूसरी शादी कर लेता है… सौतेली मां, जब से बच्चे को स्तनपान की जरूरत होती है, तब से उसका पालन-पोषण करती है और फिर वह सेना, वायुसेना और नौसेना का अधिकारी बन जाता है। अगर उसने वास्तव में उस बच्चे की देखभाल की है, तो क्या वह उसकी मां नहीं है?”
पिछले साल 19 जुलाई को शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी और केंद्र तथा वायु सेना को नोटिस जारी किया था।
पीठ ने कहा, ”इस मामले में विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या सौतेली मां सेना के नियमों के अनुसार विशेष पेंशन और साधारण पारिवारिक पेंशन की हकदार हैं?”
एएफटी ने 10 दिसंबर, 2021 के अपने फैसले में भारतीय वायुसेना के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सौतेली मां को विशेष पारिवारिक पेंशन देने से इस आधार पर इनकार किया गया था कि यह केवल जैविक मां को ही दी जा सकती है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *