
गुरुग्राम: मानसिक स्वास्थ्य और वेल्बीइंग के क्षेत्र में अग्रणी संस्था ‘मनस्थली’ ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 को ‘मनशक्ति’ के साथ मनाया। यह कार्यक्रम ‘मनशक्ति’ महिलाओं की उनकी आंतरिक शक्ति को पहचानने और उसे बढ़ावा देने के लिए समर्पित था। इस कार्यक्रम में अलग-अलग पेशे से जुडी महिलायें, विशेषज्ञों, और विचारकों को एक साथ लाया गया, ताकि महिलाओं के लिए आवश्यक चर्चा और उनके सम्पूर्ण कल्याण के लिए सभी अनुभव इस्तेमाल जा सके।
मनस्थली वैलनेस की फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकैट्रिस्ट डॉ. ज्योति कपूर ने महिला दिवस मनाने के पारंपरिक तरीके पर सवाल उठाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
“हर साल महिला दिवस पर हम अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण के बारे में बात करते हैं और उसे मनाते हैं। लेकिन क्या वाकई चीजें बदल रही हैं? क्या हम सिर्फ़ केवल और केवल बात कर रहे हैं या हम वास्तविक बदलाव ला रहे हैं? सशक्तिकरण का मतलब किसी बाहरी मान्यता से नहीं है; यह हमारे भीतर की असली शक्ति को पहचानना है। सच्चा बदलाव तब होता है जब हम दूसरों से यह उम्मीद करना बंद कर देते हैं कि वो हमारा ख्याल रखेंगे और हमारी सुरक्षा करेंगे बल्कि हमें अपनी खुद की शक्ति को अपनाना शुरू कर देना चाहिए । यह आंतरिक शक्ति, यह मनशक्ति ही वास्तव में मायने रखती है। महिला सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ़ अपनी असली कीमत को पहचानना ही नहीं बल्कि भविष्य की भी ज़िम्मेदारी लेना है,” डॉ. ज्योति कपूर ने कहा।
इस वार्षिक कार्यक्रम में ‘वी फॉर वूमनहुड’ पर एक रोचक पैनल चर्चा हुई। चर्चा में डॉ. अल्मा चोपड़ा, वूमेन डिसेबिलिटी एक्टिविस्ट; डॉ. अंजलि कुमार, फाउंडर, मैत्री वुमन; डॉ. इंदु बंसल – ग्रुप डायरेक्टर और एचओडी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, पारस हेल्थकेयर और डॉ. ज्योति कपूर, फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकैट्रिस्ट, मनस्थली जैसे विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस चर्चा में कामकाजी महिला ग्राहकों के सामने आने वाली चुनौतियों, दुर्व्यवहार के मामलों के लिए शिक्षा और कार्रवाई, पारिवारिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हुए महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी और हेल्थकेयर में साथी महिलाओं का सहयोग करने में महिला डॉक्टरों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया। इस पैनल का संचालन एम्स, नई दिल्ली की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट सुश्री ऐश्वर्या राज ने किया।
उपस्थित लोगों ने प्रसिद्ध वेलनेस एक्सपर्ट सुश्री फ्रांसेस्का बाक के साथ रिजूवनटिंग साउंड बॉथ सेशन में भी हिस्सा लिया। इस सेशन में रिलैक्सेशन और इमोशनल वेलबीइंग को बढ़ावा दिया गया। इसके अलावा इस कार्यक्रम में एक इंटीग्रेटिव वेलनेस प्रोग्राम भी शामिल था।
कार्यक्रम में इसके अलावा मनस्थली के वेलनेस स्टूडियो स्पेशल – माया (म्यूजिक-आर्ट-योग-अवेयरनेस) ने उपस्थित लोगों को एक परिवर्तनकारी अनुभव दिया । थेरेप्टिक आर्ट और माइंडफुलनेस की एक्सपर्ट डॉ. शंभवी दास के नेतृत्व में सेशन ने समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए संगीत, एक्सप्रेसिव आर्ट और योग के उपचार तत्वों को सहजता से शामिल किया।
इन गहन चर्चाओं और अनुभवों के माध्यम से मनशक्ति 2025 ने इस बात पर जोर दिया कि महिला सशक्तिकरण केवल बाहर से नहीं होता बल्कि अपनी स्वयं की क्षमता को पहचानना भी महिला सशक्तिकरण होता है।