
लखनऊ। आशियाना: सामाजिक दायित्वों के निर्वहन एवं मानवीय मूल्यों को समर्पित संस्था इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी विगत कई वर्षों से जरूरतमंद, असहाय, निर्धन और निराश्रित व्यक्तियों के लिए नि:शुल्क भोजन सेवा ब्रज की रसोई के माध्यम से संचालित कर रही है। संस्था का यह सेवा कार्य संवैधानिक मूल्यों, विशेषकर समानता, करुणा और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों से प्रेरित है।
संस्था के संस्थापक श्री विपिन शर्मा ने बताया कि वैशाख अमावस्या, जिसे शास्त्रों में तर्पण, स्नान एवं दान के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना गया है, के अवसर पर अन्न दान विशेष फलदायी होता है।
संस्था के विकास पाण्डेय ने बताया इस वर्ष यह तिथि 27 अप्रैल 2025, रविवार को पड़ी। इस अवसर को सार्थक करते हुए संस्था द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन वितरित किया गया।
मीडिया प्रभारी दीपक भुटियानी ने अवगत कराया कि भोजन वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत सेक्टर-एम स्थित रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड पानी टंकी के समीप झुग्गियां, निर्माणाधीन विद्यालयों में कार्यरत श्रमिक परिवार, तथा जोन-8 के सामने की बस्तियां चिन्हित की गईं। आशीष श्रीवास्तव ने कहा इन क्षेत्रों में आलू मिक्स सब्जी एवं चावल का वितरण किया गया, जिससे लगभग 1070 जरूरतमंद लाभान्वित हुए।
अमित गुप्ता द्वारा मिली जानकारीनुसार इस जनसेवा अभियान में संस्था से जुड़े अनेक सक्रिय स्वयंसेवियों एवं समाजसेवियों ने सहभागिता दर्ज कराई।
शिवेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कार्यक्रम में दीपक भुटियानी, विकास पाण्डेय, अमित गुप्ता, विनोद मिश्रा, मुकेश कनौजिया, सूरज पाण्डेय, नवल सिंह, दीपांशु राज, यथार्थ गुप्ता, अथर्व श्रीवास्तव संस्था की राष्ट्रीय महिलाध्यक्ष रजनी शुक्ला एवं आद्या श्रीवास्तव प्रमुख रूप से शामिल रहे।
संस्था की राष्ट्रीय महिलाध्यक्ष रजनी शुक्ला ने इस पुनीत सेवा कार्य में सहयोग प्रदान करने वाले सभी व्यक्तियों, समाजसेवियों एवं सहयोगियों के प्रति हृदयत: आभार व्यक्त किया।
शिल्पी गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि संविधान में निहित मूल्यों के प्रति आमजन को जागरूक करने का कार्य भी करते हैं।
दीपांशु राज ने कहा इस अवसर पर संस्था ने यह भी संकल्प लिया कि भविष्य में भी ऐसे जनहितकारी कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक राहत और सम्मानपूर्वक जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।