नई दिल्ली: देश विदेश में नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार में संलग्न प्रतिनिधि संस्था ‘ नागरी लिपि परिषद ‘ ने अपने सत्प्रेरक आचार्य विनोबा भावे की जयंती को दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय में नागरी दिवस के रूप में मनाया ।इस अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय नागरी लिपि समारोह की अध्यक्षता नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ प्रेमचंद पातंजलि ने की। मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद और अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रिटेन की हिंदी संस्था ‘वाततायन ‘ की संस्थापक सुश्री दिव्या माथुर और नीदरलैंड के ‘ ‘साझा संसार ‘ के अध्यक्ष डॉ रामा तक्षक उपस्थित रहे। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और डॉ रजनी वत्स द्वारा गाई सरस्वती वंदना से हुआ। अतिथियों का स्वागत परिषद के विशेष अंग वस्त्र और नागरी साहित्य प्रदान कर किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने भी तुलसी पौधा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष एवं समारोह की संयोजक प्रो चित्रा रानी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।नागरी लिपि परिषद के कार्यालय मंत्री श्री अरुण कुमार पासवान ने परिषद के लक्ष्यों और उद्देश्यों को निरूपित किया।
नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल ने विषय प्रवर्तन करते हुए आचार्य विनोबा भावे द्वारा नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार के लिए किए गए अवदान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा आचार्य विनोबा भावे की जन्म शताब्दी पर 1995 में आयोजित समारोह में सुश्री निर्मला देशपांडे द्वारा इसे नागरी दिवस के रूप में मनाने का आवाहन किया,तब से परिषद 11 सितंबर को आचार्य विनोबा की स्मृति में नागरी दिवस का आयोजन करती आ रही है। उन्होंने अपने दैनिक व्यवहार में नागरी लिपि के अधिकाधिक प्रयोग की अपील भी की।भारत सरकार के एचएससीसी इंडिया लिमिटेड, नोएडा के राजभाषा प्रभारी श्री श्रवण कुमार ने पीपीटी के माध्यम से नागरी लिपि के विविध पक्षों को दर्शाया और कंप्यूटर पर नागरी लिपि की प्रविधियों को भी प्रदर्शित। महाविद्यालय के छात्र वर्ग ने इस व्याख्यान में विशेष रूचि ली।
ब्रिटेन में यूके हिंदी समिति की उपाध्यक्ष और कथा यूके की अध्यक्ष सुश्री दिव्या माथुर ने अपने उद्बोधन में, ब्रिटेन में नागरी लिपि और हिंदी भाषा की उपस्थिति को व्याख्यायित किया और अपने लेखकीय अनुभवों को भी साझा किया। नीदरलैंड के साझा संसार के अध्यक्ष डॉ रामा तक्षक ने कहा कि नागरी लिपि पूर्णरूपेण वैज्ञानिक लिपि है और इसका उच्चारण मानव शरीर की संरचना के अनुरूप है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद ने नागरी लिपि दिवस समारोह को उनके महाविद्यालय में आयोजित करने के लिए नागरी लिपि परिषद का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इसी प्रकार के आयोजन करने के लिए आमंत्रित किया।
समारोह में सुश्री दिव्या माथुर और डॉ रामा तक्षक को उनके द्वारा विदेश में नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे अवदान के परिषद के प्रतिष्ठित सम्मान ‘ अंतरराष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान ‘ से अलंकृत किया गया। समारोह में डॉ रामा तक्षक द्वारा नीदरलैंड से प्रकाशित हिंदी वैश्विक पत्रिका ‘ साहित्य का विश्व रंग ‘ और डॉ हरिसिंह पाल द्वारा संपादित अखिल विश्व हिंदी समिति, न्यूयॉर्क अमेरिका द्वारा प्रकाशित वैश्विक हिंदी पत्रिका ‘सौरभ ‘ तथा दूरदर्शन श्रीनगर के पूर्व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ओझा की पुस्तक का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। समारोह के अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद पातंजलि ने नागरी लिपि परिषद की उपलब्धियों और गतिविधियों की जानकारी साझा की और कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए नागरी लिपि एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकती है। इस अवसर पर समारोह में विशिष्ट योगदान देने वाले प्राध्यापकों को प्रमाण पत्र और नागरी साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन उपसंयोजक और जापान में हिंदी प्राध्यापक रहे प्रो रामप्रकाश द्विवेदी ने प्रस्तुत किया है। समारोह का कुशल संचालन परिषद के कोषाध्यक्ष और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के हिंदी अधिकारी आचार्य ओमप्रकाश ने किया।