नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिक सर्कुलर में जानकारी उपलब्ध कराई है जिसमे बताया गया है कि दिल्ली के किस स्कूल में ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत कितनी सीटें खाली है।
शिक्षा निदेशालय WPC 4607 का हवाला देते हुए बताया की हाई कोर्ट के ऑर्डर से ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत दूसरी (2nd) क्लास से नौवीं (9th) तक जो भी सीटे खाली है उसे भरा जाए जिसपर शिक्षा निदेशालय ने भी अपनी सहमति दर्ज कराई है।
ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (जनरल), एससी, एसटी, ओबीसी व वंचित समूह के बच्चो को सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर बने विद्यालयों में मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाती है जिसका अध्यापन (ट्यूशन) फीस सरकार द्वारा स्कूलों को प्रदान की जाती है। किस स्कूल में है कितनी सीट खाली उसकी जानकारी के लिए आप शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट https://www.edudel.nic.in/mis/misadmin/frmCircular.aspx पर जा कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
महेश मिश्रा (समाजसेवी) राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय युवा चेतना मंच भारत व सचिव फेडेरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रीक्ट वेलफेयर फोरम दिल्ली ने कहा यह हाई कोर्ट का एक बहुत अच्छा फैसला है क्योंकि कई बार शुरुआती (नर्सरी) दाखिले की प्रकिया में जिन बच्चों को मौका नहीं मिल पाता था उनको एक और मौका मिलेगा जिससे वह भी अच्छी शिक्षा व स्कूल में पढ़ संकेंगे। हमे यह बोलते हुए भी खेद है कि जो कार्य शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वयं करना चाहिए उसको कोई न कोई सामाजिक संस्था या अभिभावक अदालत में जाकर करवाते है जो कि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों/कर्मचारियों की कर्तव्यहीनता का प्रमाण है। शिक्षा निदेशालय की ऐसी कौन सी मजबूरी होती है की जो तथ्य बाकी लोग माननीय अदालत में रख इंसाफ की मांग कर इंसाफ दिलाते है वह यह विभाग स्वयं नही कर सकता है।
अभी अगस्त में यह जानकारी तो इन्होंने बता दी लेकिन यह भी सुनिश्चित नही किया गया है की इसमें दाखिला कब से शुरू होगा और खत्म हो जाएगा। यहां तक 2024 – 2025 के नर्सरी के दाखिले की प्रकिया इन्होंने बहुत देर (जून) से शुरू की फिर जिनका नाम पहली लिस्ट में आया उसके दस्तावेज जांच करने का पहले ही एक महीने का लंबा समय रखा जिसको फिर दुबारा भी बड़ा दिया गया और जो अभिभावक दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे है उन्हे कोई जानकारी विभाग द्वारा नही दी गई है जबकि आधा सत्र खत्म हो चुका है।