दिल्ली:प्रख्यात साहित्यकार एवं समालोचक और नागरी लिपि व हिंदी सेवी तथा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ हरिसिंह पाल को बीपीए फाउंडेशन एवं इंडिया नेटबुक्स द्वारा आयोजित साहित्यकार सम्मानोतसव में साहित्य भूषण सम्मान से अलंकृत किया गया। पूर्वी दिल्ली के क्राउन प्लाजा होटल के सभागार में प्रख्यात कथाकार चित्रा मुद्गल, वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव, मध्य प्रदेश हिंदी अकादमी भोपाल के निदेशक डॉ विकास दवे, रायपुर छत्तीसगढ़ के व्यंग्यकार डॉ गिरीश पंकज की उपस्थिति में यह सम्मान प्रदान किया गया। समारोह का कुशल संचालन वरिष्ठ व्यंग्यकार और भारतीय संसद में संपादक श्री रणविजय राव और कवयित्री डॉ पूनम माटिया ने किया। समारोह के संयोजक डॉ संजीव कुमार ने प्रस्तावना प्रस्तुत की और आचार्य डॉ राजेश कुमार ने सम्मानों की चयन प्रक्रिया के बारे में प्रकाश डाला। समारोह में कनाडा से प्रकाशित हिंदी पत्रिका वसुधा की संपादक डॉ स्नेह ठाकुर, लंदन की कवयित्री श्रीमती जया वर्मा, प्रसिद्ध कथाकार नासिरा शर्मा, हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य श्री वीरेन्द्र कुमार यादव सहित देश भर के अनेक साहित्यकारों की गरिमामई उपस्थिति सराहनीय रही।
यह उल्लेखनीय है कि डॉ पाल को अब तक उनकी विविधवर्णी साहित्यिक सेवाओं के लिए 200 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कारों से अलंकृत किया जा चुका है। आपके साहित्य पर क्रमशः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, धारवाड़, सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे, द्रविड़ियन विश्वविद्यालय,कुप्पम (आंध्रप्रदेश), अलगप्पा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु से शोध कार्य किया जा चुका है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के लिए आपने एम ए हिंदी और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई तथा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालई संस्थान के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है। भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के लिए अभियांत्रिकी और सूचना प्रौद्योगिकी शब्दावली निर्माण में सहयोग दिया है। भारत सरकार के केंद्रीय हिंदी निदेशालय के नवलेखक शिविर और प्रकाशन हेतु अनुदान समिति में विषय विशेषज्ञ के रूप में आपने सेवाएं दी हैं। भारतीय प्रसारण सेवा (आकाशवाणी) से सेवानिवृत्ति के उपरांत डॉ पाल ने राष्ट्रीय महत्व की संस्था नागरी लिपि परिषद के मानद महामंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। परिषद की मुख पत्रिका नागरी संगम के प्रधान संपादक और अखिल विश्व हिंदी समिति, न्यूयॉर्क, अमेरिका की वैश्विक हिंदी पत्रिका सौरभ के प्रधान संपादक का दायित्व भी कुशलतापूर्वक निभा रहे हैं। अनेक साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने डॉ पाल के सम्मानित किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया है।