गीत काव्य को समर्पित गा़ज़ियाबाद की प्रतिष्ठित संस्था :देवेन्द्र किशन शर्मा

asiakhabar.com | December 27, 2024 | 12:00 pm IST

गा़ज़ियाबाद:गीत काव्य को समर्पित गा़ज़ियाबाद की प्रतिष्ठित संस्था ” गीताभ “द्वारा देवेन्द्र किशन शर्मा ” साजन” एवं इस्हाक़ अली “सुंदर” के संयोजन में पिलखुवा के रमपुरा रोड़ पर स्थित एम. क्रिसेंट पब्लिक स्कूल में गंगा-जमनी काव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि श्री ऋषि कुमार शर्मा (उप सचिव- हिन्दी अकादमी दिल्ली)समारोह अध्यक्ष श्री जगदीश “पंकज” (वरिष्ठ नव-गीतकार) तथा विशिष्ट अतिथि -अरुण चतुर्वेदी (अध्यक्ष- गीताभ संस्था),डॉ.जयप्रकाश मिश्र(कार्यकारी अध्यक्ष- गीताभ),श्री मुमताज़ सादिक़ (वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार) रहे। सभी अतिथि, कवि एवं शायरों का बैज लगाकर फूल माला से स्वागत किया गया। मंच से वरिष्ठ साहित्यकार मुमताज़ सादिक़ साहब द्वारा लिखित पुस्तक “स्वतंत्रता संग्राम के मुस्लिम शहीद” पुस्तक का विमोचन किया गया। गंगा-जमनी काव्य समारोह का शुभारंभ सरस्वती वंदना व नातिया कलाम से हुआ।कार्यक्रम में दिल्ली,गा़ज़ियाबाद,हापुड़,मोदीनगर और पिलखुवा के कवि एवं शायरों ने शिरकत की। शायर दाऊद खान “दाऊद”, अनवर गा़ज़ियाबादी,हाशिम देहलवी,मुमताज़ सादिक़,डॉ शमीम राणा,साजन पिलखवी,कवियों में अशोक गोयल,सतीश वर्द्धन,संजीव शर्मा,दीपक” दीप”,दरयाव सिंह राजपूत “बृजकण”,डॉ.जयप्रकाश मिश्र,भूपेन्द्र त्यागी” मित्र”,बृजनंदन पचौरी,कवयित्री रजनी सिंह,डॉ.निवेदिता शर्मा आदि ने गीत,ग़ज़ल,मुक्तक,कविताओं से शमां बाध दिया। संस्था की तरफ से सभी को “गीताभ श्री राष्ट्रीय सम्मान 2024” से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों को पुस्तकें भी भेंट की गई। मुख्य अतिथि श्री ऋषि कुमार शर्मा जी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए,साहित्य समाज का दर्पण है। कवि एवं साहित्यकार समाज में चेतना व जागरूक करने का कार्य करता है। समारोह अध्यक्ष जगदीश पंकज ने कहा कि अच्छा साहित्य व गीत कभी मरता नहीं है। कालजयी रचनाएँ लिखने वाले हमेशा याद रखे जाते हैं। मंचों पर चुटकुले बाजी होती है और सशक्त रचनाएँ गोष्ठी में सुनने को मिलती हैं।अच्छा लिखने के लिए बडे़ साहित्यकारों के साहित्य भी पढना जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में गीताभ संस्था अध्यक्ष व पूर्व उपायुक्त,राजस्व विभाग श्री अरुण चतुर्वेदी जी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। समारोह का सफल संचालन इस्हाक़ अली “सुंदर” व डॉ. गुलज़ार कुरैशी ने किया।


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