रूपनगर:भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ में स्थित है आईहब अवध राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली (एनएमआईसीपीएस), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक पहल पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब सरकार द्वारा समर्थित है और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा भी समर्थित है। इस प्रोग्राम में पर्यावरण जागरूकता और पर्यावरण तक पहुंच, आईओटी किट और स्थिरता के लिए औद्योगिक स्वचालन पर एक कार्यशाला शामिल है।
आईआईटी रोपड़ का आईहब अवध पर्यावरण जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में स्कूली बच्चों को शामिल करने, पर्यावरण के मुद्दों की गहरी समझ को बढ़ावा देने और सकारात्मक कार्रवाई को प्रेरित करने के अपने प्रयासों का हिस्सा है। कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसके बाद पीजीटी भूगोल, प्रधान मंत्री, श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, रकोली, मोहाली की वरिष्ठ शिक्षक अनीता कंवर ने आईआईटी रोपड़ की टीम के साथ मुख्य भाषण दिया।
आईहब अवध के प्रोग्राम मैनेजर श्री दिव्यांशु गुप्ता ने संगठन को एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में प्रस्तुत किया जो इच्छुक उद्यमियों को संसाधनों, सलाह और समर्थन के साथ सशक्त बनाता है ताकि वे अपने विचारों को समृद्ध व्यवसायों में बदल सकें। श्री देस राज, फर्मवेयर इंजीनियर, अवध ने पर्यावरण आईओटी अनुसंधान प्रस्तुत किया, जिसके कारण पर्यावरण प्वज् किट का इंटरैक्टिव प्रदर्शन हुआ, जो विभिन्न पर्यावरणीय कारकों की निगरानी और अनुकूलन करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करता है।
इस कार्यक्रम में पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित एक प्रेरणादायक शपथ ग्रहण समारोह के साथ-साथ एक इको क्लब की स्थापना भी देखी गई। 100 से अधिक छात्रों ने अपने समुदाय के भीतर पर्यावरण जागरूकता और कार्रवाई का समर्थन करने का वचन दिया। इको क्लब शैक्षिक कार्यशालाओं, वृक्षारोपण अभियानों, रीसाइक्लिंग अभियानों और सफाई गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। ‘‘पर्यावरण जागरूकता‘‘ के विषय पर एक बहस आयोजित की गई जिसके बाद पुरस्कार और प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में पर्यावरण में इंजीनियरिंग की भूमिका पर परियोजना चर्चाओं के नेतृत्व में एक समूह गतिविधि शामिल थी, साथ ही पर्यावरण शिक्षा में एआर और वीआर की परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाते हुए एक इमर्सिव लर्निंग सत्र भी शामिल था। प्रतिभागियों ने अनुभव किया कि कैसे ये प्रौद्योगिकियां दिलचस्प और इंटरैक्टिव अनुभव बना सकती हैं जो पर्यावरणीय अवधारणाओं को जीवन में लाती हैं।
श्रीमती अनुभी खेंदेलवाल, संस्थापक, टेराफाक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने निर्माण कार्यों के भीतर पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में औद्योगिक आईओटी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए एक संगोष्ठी का नेतृत्व किया। उन्होंने ‘कार्बन फुटप्रिंट‘ की अवधारणा पेश की और पर्यावरणीय आईओटी पहलों के लिए सेंसर का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला। यह कार्यक्रम एक गतिशील समूह गतिविधि के साथ संपन्न हुआ जो निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए परियोजना के विचारों पर विचार करने पर केंद्रित था। ‘कार्बन फुटप्रिंट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग‘ पर एक प्रश्नोत्तरी और बहस भी आयोजित की गई, जो अभिनव तकनीकी समाधानों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए टेराफाक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।