बच्चे के कमरे की आती है तो हम लोग ढील बरत देते हैं, लेकिन बच्चे के कमरे पर भी ध्यान देना उतना ही जरूरी है, जितना बाकी घर पर। कमरे की सजावट करते समय छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यहीं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | August 10, 2021 | 3:57 pm IST
बच्चों का कोना
अंतरिक्ष की बहन
अंतरिक्ष के पास एक नीले रंग की शार्क थी। कई बार जब वह सोता तो उसका तकिया बना लेता। सब हंसते कि शार्क का तकिया किसी ने सुना है। मम्मी ने उसका नाम रखा था-ब्यूटी। जब अंतरिक्ष किसी चीज को खाने से ना-नुकुर करता तो ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | August 4, 2021 | 5:27 pm IST
रेत अलग चीनी अलग
बादशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थी, तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान(बर्तन) लिए वहां आया। क्या है इस मर्तबान में? बादशाह ने पूछा। वह बोला, इसमें रेत और चीनी है। वह किसलिए? अकबर ने फिर पूछा। माफी चाहता हूं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 31, 2021 | 5:02 pm IST
इस तरह बनाएं अपने बच्चों को भी होशियार
अपने आशियाने को संवारने में जैसे हम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते वैसे ही बच्चों के कमरों को सजाने-संवारने पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है। कमरे की सजावट करते समय छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यहीं वह जगह ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 29, 2021 | 4:43 pm IST
मेरी मित्र है अब सुंदर चिड़िया
-प्रथमेश यादव- मैं अपने घर में चिड़ियों का आना पसंद नहीं करता था। चिड़िया आती और इधर उधर गंदा करती थी। मैं पूरा दिन झाडू लेकर उनके पीछे भागता रहता था कि कहीं वे पंखे के उपर अपना घोंसला न बना लें। चिड़िया मेरे घर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 28, 2021 | 5:27 pm IST
बाज का निर्णय
बाज लगभग 70 वर्ष जीता है, परंतु अपने जीवन के 40वें वर्ष में आते-आते उसे एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना पड़ता है। उस अवस्था में उसके शरीर के तीन प्रमुख अंग निष्प्रभावी होने लगते हैं - 1. पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है व शिकार ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 27, 2021 | 4:54 pm IST
वचन को निभाया लोहिया ने
राममनोहर लोहिया अपने वचन के पक्के थे। वह जो एक बार कह देते, उस पर टिके रहते थे। एक रात वह अपने एक मित्र के साथ कार में घूमने निकले। लोहिया जी तेजी से गाड़ी चला रहे थे। सामने सड़क पर एक किसान बिना लाइट ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 23, 2021 | 4:44 pm IST
आत्मविश्वास की ताकत
लवण्या गुप्ता शिखा और निशा दो बहनें थीं। शिखा आत्मविश्वासी थी, तो निशा में आत्मविश्वास की बेहद कमी थी। एक दिन मां ने दोनों को बाजार से कुछ सामान लाने के लिए भेजा। तभी शिखा का पैर साइकिल में फंस गया। यह देख निशा डर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 22, 2021 | 5:09 pm IST
प्रसन्नता का आधार
लवण्या गुप्ता वर्षा घ्तु के समय एक गुरु और शिष्य लंबी तीर्थयात्रा पूरी करके अपनी कुटिया की ओर लौट रहे थे। दोनों थके, हारे कुटिया के निकट पहुंचे तो देखा कि कुटिया तो लगभग उजड़ी पड़ी है। आंधी, तूफान से कुटिया को बहुत नुकसान हुआ ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 17, 2021 | 4:47 pm IST
जैसे को तैसा
लवण्या गुप्ता किसी नगर में एक व्यापारी का पुत्र रहता था। दुर्भाग्य से उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो गई। इसलिए उसने सोचा कि किसी दूसरे देश में जाकर व्यापार किया जाए। उसके पास एक भारी और मूल्यवान तराजू था। उसका वजन बीस किलो था। उसने ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 15, 2021 | 5:54 pm IST