
विजय कनौजिया हमें कोई दे दे खुशी पहले जैसी हमें कोई दे दे हंसी पहले जैसी मेरी आंखें नम हों उन्हें देखकर फिर हो सावन की बरसात फिर पहले जैसी..।। अरमानों की सूची फिर से बनाऊं रूठें अगर तो पुनः मैं मनाऊं प्रतीक्षा आंखों में ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 7, 2023 | 11:52 am IST