
प्रियंका सौरभ खिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान। आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान॥ दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो दूर। कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर॥ छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान। नए साल के पँख पर, ख़ुशबू ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | December 28, 2024 | 4:12 pm IST