
अशोक कुमार यादव मुंगेली किसी की बहन नहीं है, किसी का ना भाई है। राखी बाँधेगी कौन?, सूनी हाथ की कलाई है।। बाजार से रेशमी राखी, खरीद लाई है बहना। थाली में सजा कर बैठी, प्रेम का सुंदर गहना।। सुबह से नहा कर, नए कपड़े ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | August 29, 2023 | 4:16 pm IST