
अशोक कुमार यादव मुंगेली तोला जोहार हे मोर दाई शैलपुत्री। तोर बंदना हे मोर दाई देबी हेमवती।। तैंय आबे सक्ति बइला म हो के सवार। बाजा बजावत परघाके लाहूँ दुवार।। मंदिर जइसे मंडप सजाए हौंव तोर बर। रंग-बिरंग के फूल, माला अउ झालर।। न मोला ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | October 15, 2023 | 4:47 pm IST