
अशोक कुमार यादव मुंगेली तोर बदन हवय बिकट अंधियार करिया रंग। बिकराल रुप, बगरे चुन्दी ल देख जन हें दंग।। बिजुरी जइसे चमकत हे दाई, घेंच के माला। अंधियारी ल मेट के करथच तैंय ह उजाला।। तीनों लोक के समान गोल हे तीनों आँखी ह। ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | October 22, 2023 | 4:34 pm IST