
शिशिर गुप्ता पहली बात, परिणाम की जब तक आकांक्षा है, तब तक प्रार्थना पूरी न होगी। या यूं कहो-परिणाम की जब तक आकांक्षा है, परिणाम न आएगा। प्रार्थना तो शुद्ध होनी चाहिए, परिणाम से मुक्त होनी चाहिए, फलाकांक्षा से शून्य होनी चाहिए। कम से कम ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | October 24, 2019 | 5:30 pm IST