
मनुष्य अपने जीवन में मन की स्वतंत्रता तथा आनंद ही चाहता है। कोई भी मनुष्य दुःखी नहीं होना चाहता। आनंद की चाह मनुष्य का स्वभाव तथा जन्मसिध्द अधिकार भी है। वह स्वतंत्र पक्षी की तरह खुले आकाश में उड़ना चाहता है। उसकी आंतरिक इच्छा रहती ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 17, 2020 | 5:46 pm IST