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सम्पादकीय / लेख

गाँव से ग्लोबल तक: डॉ. सत्यवान सौरभ की कलम की उड़ान

भारत की मिट्टी ने सदैव ऐसे रचनाकारों को जन्म दिया है जिन्होंने समाज, संस्कृति और विचारों को नई दिशा दी है। इन्हीं में एक विशिष्ट नाम है डॉ. सत्यवान सौरभ, जो अपनी लेखनी के माध्यम से हिंदी साहित्य और सामाजिक चिंतन को समृद्ध करने वाले ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 11, 2025 | 3:57 pm IST

भारत से मनोज हो गए अलविदा…

संजय एम तराणेकर भारत से मनोज कुमार हो गए अलविदा, जिसकी देशभक्ति पर दुनिया थी फिदा। फ़िल्मों में हीरो बनने सपना लिए आया, फ़ैशन में भिखारी का छोटा रोल पाया। नौजवान का नाम हरि किशन गोस्वामी, हाँ कांच की गुड़िया में ब्रेक मिला नामी। भारत ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 5, 2025 | 4:29 pm IST

लेखक की स्वतंत्रता बनाम संपादकीय नीति: बहस के नए आयाम

-डॉ. सत्यवान सौरभ साहित्यिक प्रकाशन जगत में यह बहस लंबे समय से जारी है कि लेखक को अपनी रचनाएँ एक से अधिक पत्रिकाओं में भेजने की स्वतंत्रता होनी चाहिए या नहीं। जबकि संपादक किसी भी रचना को छापने या न छापने के लिए स्वतंत्र होते ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 4, 2025 | 4:14 pm IST

वक्फ का ‘नया वक्त’

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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया। उसका पारित होना लगभग तय है। विपक्ष में जो दल मान रहे थे कि तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल-यू, एलजेपी (रामविलास) और रालोद सरीखे धर्मनिरपेक्ष दल भाजपा के वक्फवादी एजेंडे को रोक सकते हैं, वे अब ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 3, 2025 | 5:41 pm IST

जल और ऊर्जा: मितव्ययिता के साथ विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी

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-सुनील कुमार महला- वर्तमान में अप्रैल का महीना चल रहा है और अभी से ठीक-ठाक गर्मी पड़ने लगी है। अभी से ही उत्तर भारत गर्मी का सामना करने लगा है। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि हाल ही में इस संदर्भ में भारतीय मौसम विज्ञान ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 3, 2025 | 5:40 pm IST

नैतिक पतन के चलते खतरे में इंसानी रिश्ते

-डॉ. सत्यवान सौरभ आज के समय में जब हम समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर नज़र डालते हैं, तो चारों ओर अपराध, धोखा, हिंसा और नैतिक पतन की ख़बरें देखने को मिलती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि समाज घोर कलयुग के प्रभाव में प्रवेश ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 29, 2025 | 4:14 pm IST

क्या सचमुच सिमट रही है दामन की प्रतिष्ठा?

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-प्रियंका सौरभ समय की करवटों ने जब फैशन के रेशों को बुना, तब परिधान भी परिवर्तनों की सीढ़ियाँ चढ़ते चले गए। परंतु क्या इस बदलाव ने "दामन की प्रतिष्ठा" को भी प्रभावित किया है? क्या आधुनिक वस्त्रों ने पारंपरिक गरिमा को बिसरा दिया, या फिर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:53 pm IST

जागरूकता रहें ‘एकरूपता‘…!

संजय एम तराणेकर ये देखों छोटी-सी बात हैं जागरूकता, मामूली-सी है लगती न कोई रूकता। आदमी दुनिया में हैं सबसे मतिमान, उसी के हाथों हैं बहुत कुछ गतिमान। मानसिक शक्ति ही दे सकती है मति, जहॉ बुद्धिमत्ता विराजती है सरस्वती। ये देखों छोटी-सी बात हैं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:51 pm IST

आखिर दुनियांभर में क्यों बढ़ रही बहाई धर्म के अनुयायी ?

डॉ. अजय कुमार मिश्रा इन्सान के जीवन की सबसे बड़ी ख़ोज में से धर्म एक है जिसके जरिये जीवन को जीने और परस्पर सहयोग समेत जीवन के अनेकों पहलुओं को समझने और आगे बढ़ना सिखाया जाता है | पर सभी धर्म के अनुयायी एक दूसरें ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:42 pm IST

अमृत की तलाश में महाकुंभ

समीरन भौमिक सत्यम शिवम सुन्दरम। जय हर हर महादेव. सत्व, रज: तम: इन तीन गुणों के संयोग से इस ब्रह्मांड की रचना हुई है। इस धारित्री के हृदय में सृजन, स्थिति और लय है। ब्रह्मा की शक्ति सरस्वती है, विष्णु की शक्ति लक्ष्मी है, देवदेव ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 25, 2025 | 1:38 pm IST