मुंबई। मशहूर बंगाली निर्देशक अरुण रॉय का गुरुवार को 56 साल की उम्र में फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के कारण निधन हो गया। रॉय एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने उनकी मौत की पुष्टि की। अरुण रॉय, जिनका असली नाम अरुणव रायचौधरी है। हाल ही में बिगड़ती सेहत की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में उन्हें आईसीयू में रखा गया था और फिर उन्हें BiPAP सिस्टम की मदद से रखा गया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनकी हालत और बिगड़ जा रही थी, जिसके वजह से उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया था।
काफी समय से चल रहा था इलाज
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दिवंगत निर्देशक का इलाज कर रहे डॉ. किंजल नंदा ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। उन्होंने फेसबुक पर एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी शेयर की, जिसमें लिखा, “मेरे हीरालाल, शांति से रहो, बिल्कुल असली हीरालाल की तरह।” डॉ. नंदा ने बताया कि अरुण रॉय को गुरुवार दोपहर 1 बजे उनके हरिदेवपुर स्थित घर पर ले जाया जाएगा। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को टेक्नीशियन स्टूडियो में रखा जाएगा, ताकि प्रशंसक और सहकर्मी उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।
कब पता चला था कि अरुण को कैंसर था
2023 की ‘बाघा जतिन’ क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ मुखर्जी के जीवन पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें एसोफैजियल कैंसर का पता चला था।
फिल्म इंडस्ट्री में कैसे मिली पहचान
अरुण रॉय को बंगाली सिनेमा में उनके बेहतरीन निर्देशन के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘हीरालाल’ के जरिए बड़ी पहचान बनाई थी, जिसमें किंजल नंदा अहम किरदार में दिखाई दिए थे। इस फिल्म की सफलता के बाद, अरुण को सिनेमा की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ। अरुण रॉय को उनकी पहली ही फिल्म हीरालाल से काफी प्रसिद्धि मिली थी। इसके अलावा 2023 में ‘बाघा जतिन’ क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ मुखर्जी के जीवन पर आधारित फिल्म बनाई, जिसका किरदार देव ने निभाया था। इस फिल्म को आलोचकों और दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।