न्यूयॉर्क। अमेरिका ने 11 सितंबर, 2001 में हुए हमलों के साजिशकर्ताओं के
खिलाफ बड़ी जीत हासिल करते हुए एक मार्च, 2003 को अलकायदा के आतंकवादी खालिद शेख
मोहम्मद को पाकिस्तान के रावलपिंडी से गिरफ्तार करके बड़ी सफलता हासिल की थी।
अमेरिकी खुफिया एजेंट को अलकायदा के तीसरे नंबर के नेता को पकड़ने में 18 महीने खासी
मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन अमेरिका की उसे न्याय के दायरे में लाने की कोशिश अब भी सफल
नहीं हो पाई है।
रविवार को इन आतंकवादी हमलों के 21 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इतने लंबे समय के बाद भी मोहम्मद
और इन हमलों के चार अन्य आरोपी ग्वांतानामो बे में अमेरिकी हिरासत केंद्र में हैं और एक सैन्य
न्यायाधिकरण के समक्ष उनकी नियोजित सुनवाई बार-बार स्थगित हो रही है।
इस संबंध में ताजा झटका उस समय लगा, जब न्यायिक सुनवाई से पहले होने वाली सुनवाई को
पिछले महीने रद्द कर दिया गया। यह हमले के करीब 3,000 पीड़ितों के संबंधियों के लिए एक और
निराशाजनक घटना थी, जो लंबे समय से उम्मीद कर रहे हैं कि सुनवाई से संभवत: कई अनुत्तरित
प्रश्नों के उत्तर मिल सकेंगे।
‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ पर 11 सितंबर, 2001 को हुए हमले में अपनी 25 वर्षीय बेटी एंड्रिया को खोने वाले
गॉर्डन हाबरमैन ने कहा, ‘‘अब, मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या होने वाला है।’’
वह व्यक्तिगत रूप से कानूनी कार्यवाही देखने के लिए विस्कॉन्सिन स्थित वेस्ट बेंड में अपने घर से
ग्वांतानामो तक चार बार यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल निराशा हाथ लगी।
हाबरमैन ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका को अंतत: सच्चाई पता चले कि क्या हुआ
था और यह कैसे किया गया था। मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनवाई देखना चाहता हूं।’’
यदि मोहम्मद को दोषी करार दिया जाता है, तो उसे मृत्युदंड मिल सकता है।
न्यूयॉर्क के एक पूर्व अमेरिकी वकील डेविड केली ने हमलों में न्याय विभाग की राष्ट्रव्यापी जांच की
सह-अध्यक्षता की थी। उन्होंने अभियोग शुरू करने में देरी और असफलता को ‘‘पीड़ितों के परिवारों के
लिए एक भयानक त्रासदी’’ करार दिया।
अमेरिका ने अलकायदा के नेता ओसाबा बिन लादेन को 2011 में और उसके बाद आतंकवादी संगठन
के नेता बने अयमान अल जवाहिरी को इस साल अगस्त में ड्रोन हमले में मार दिया था।