नई दिल्ली। विजय दशमी पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में
पहुंच गई थी। हालांकि, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) की प्रारंभिक
चेतावनी प्रणाली ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के ‘मध्यम’ से ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहने का
पूर्वानुमान लगाया था।
आईआईटीएम के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पांच अक्टूबर को तापमान, हवा की गति और
पराली जलाने से हुए उत्सर्जन जैसे मापदंडों में कोई खास बदलाव नहीं देखा था, ऐसे में
‘हाइपरलोकल’ उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई होगी।
उन्होंने बताया कि ‘हाइपरलोकल’ यानी स्थानीय स्तर पर हुए उत्सर्जन का संभावित स्रोत दशहरा और
एक राजनीतिक विरोध के दौरान बड़ी संख्या में जलाए गए पुतलों से निकला धुआं हो सकता है।
दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता के ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
(एनसीआर) के अधिकारियों को ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के पहले चरण के तहत
उपायों को सख्ती से लागू करने को कहा गया था, जिसमें प्रदूषण के लिए जिम्मेदार औद्योगिक
इकाइयों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करना भी शामिल है।
जीआरएपी में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरण हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)
के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है। वहीं,
एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450
के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में
होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा बुधवार शाम करीब चार बजे जारी किए गए ‘24 घंटे
के एक्यूआई बुलेटिन’ के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 211 यानी ‘खराब’ श्रेणी में रही थी, जो
एक दिन पहले मंगलवार को 150 दर्ज की गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को गाजियाबाद में एक्यूआई 248, फरीदाबाद 196, ग्रेटर नोएडा में
234, गुरुग्राम में 238 और नोएडा में 215 था।
आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को हवा की अनुकूल दिशा और गति के चलते
वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह 179 एक्यूआई के साथ ‘संतोषजनक’ श्रेणी में पहुंच गई।
दिल्ली के लिए आईआईटीएम की प्रारंभिक वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले छह
दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के काफी हद तक ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहने की
संभावना है।