संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यमन के
युद्धरत पक्षों से न केवल युद्धविराम समझौते को नए सिरे से लागू करने का बल्कि उसका विस्तार
करने का भी आग्रह किया है। गुतारेस ने शुक्रवार को कहा कि 2014 में यमन में शुरू हुए गृह युद्ध
के बाद देश में शांति बनाए रखने में इस समझौते ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यमन के विभिन्न
पक्षों के बीच हुआ युद्धविराम समझौता रविवार को समाप्त हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन की मान्यता प्राप्त सरकार और हूती
विद्रोहियों को देश के लोगों के राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और ‘‘बेहतर कल के लिए
शांति बनाए रखने का विकल्प चुनना चाहिए।’’ गुतारेस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब
यमन में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत हैन्स ग्रुंडबर्ग ने मंगलवार को कहा था कि देश में हिंसक
गतिविधियों के दोबारा होने की आशंका काफी बढ़ गयी है।
यमन में 2014 में हूती विद्रोहियों द्वारा राजधानी सना समेत देश के उत्तरी इलाकों पर कब्जा करने
के साथ ही भीषण गृह युद्ध की शुरुआत हुई थी जिसके परिणामस्वरूप सरकार को निर्वासित घोषित
कर दिया गया था। गौरतलब है कि सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने यमन में
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता में बहाल करने की कोशिश करने के लिए
2015 की शुरुआत में प्रयास किया था।
इस दौरान हुए संघर्ष ने दुनिया का सबसे भयावह मानवीय संकट खड़ा कर दिया और 150,000 से
अधिक लोगों की जान चली गई जिनमें से 14,500 आम नागरिक थे। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र की
मध्यस्थता में दो अप्रैल को मुस्लिम पवित्र महीने रमजान की शुरुआत के साथ ही दो महीने के लिए
युद्धविराम समझौते को स्वीकार कर लिया था। समझौते की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है।