कैली (कोलंबिया)। उत्तर प्रदेश के एक किसान की बेटी रूपल चौधरी विश्व अंडर-20
एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। रूपल ने महिलाओं की 400 मीटर
दौड़ में कांस्य पदक जीता। इससे पहले उन्होंने चार गुणा 400 मीटर रिले में रजत पदक हासिल किया था।
रूपल उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के शाहपुर जैनपुर गांव की रहने वाली है। उनके पिता किसान हैं। यह 17 वर्षीय
एथलीट बेहतरीन फॉर्म में है। उन्होंने तीन दिन के अंदर 400 मीटर की चार दौड़ में हिस्सा लिया।
गुरुवार की रात को महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में रूपल ने 51.85 सेकेंड के समय के साथ ग्रेट ब्रिटेन की यमी
मैरी जॉन (51.50) और कीनिया की दमारिस मुटुंगा (51.71) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।
इससे पहले वह उस रिले टीम का हिस्सा थी जिसने मंगलवार को चार गुणा 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता
था। भारतीय टीम ने तीन मिनट 17.76 सेकंड का समय लेकर एशियाई जूनियर रिकॉर्ड बनाया था। वह अमेरिका
के बाद दूसरे स्थान पर रही थी।
रूपल ने उसी दिन व्यक्तिगत 400 मीटर दौड़ के पहले दौर में हिस्सा लिया था और उसके बाद बुधवार को वह
सेमीफाइनल और गुरुवार को फाइनल में उतरी थी।
उन्होंने चैंपियनशिप में दो बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पहली बार सेमीफाइनल में उन्होंने 52.27 सेकंड का
समय निकाला और फिर फाइनल में इस समय में सुधार किया।
इस साल के शुरू में रूपल ने खिताब की प्रबल दावेदार कर्नाटक की प्रिया मोहन को पीछे छोड़ कर राष्ट्रीय अंडर-20
फेडरेशन कप एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।
रूपल विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय
हैं। इससे पहले 2018 में हिमा दास ने 51.46 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था।
ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे।
उन्होंने 2016 में पोलैंड में खेली गई प्रतियोगिता में सोने का तमगा जीता था।
रूपल का कांस्य पदक भारत का चैंपियनशिप में कुल नौवां पदक है। इस चैंपियनशिप को पहले विश्व जूनियर
चैंपियनशिप के नाम से जाना जाता था। भारत ने पिछली बार कीनिया के नैरोबी में खेली गई चैंपियनशिप में दो
रजत और एक कांस्य पदक जीता था।