
वाराणसी। विरोधी दलों पर परोक्ष रुप से परिवारवाद का पोषक होने का आरोप लगाते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले दस वर्षों में दुनिया में देश की पहचान बदली है और आज का भारत विकास और विरासत को साथ लेकर चल रहा है।
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पूर्वांचल के लिये 3,900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद श्री मोदी ने राजा के तालाब के मेहंदीगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा, “महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों की प्रेरणा से ही देशसेवा का हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ-सबका विकास। हम देश के लिए उस विचार को लेकर चलते हैं, जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ-सबका विकास। जो लोग सत्ता हथियाने के लिए दिन रात-खेल खेलते रहते हैं, उनका सिद्धांत है, परिवार का साथ-परिवार का विकास।”
उन्होने कहा, “आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर नारीशक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया। आज हम उनके विचारों को, उनके संकल्पों को, नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं, नई उर्जा दे रहे हैं।”
श्री मोदी ने कहा, “आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। 10 साल में, दूध के उत्पादन में करीब 65 प्रतिशत वृद्धि हुई है। ये सफलता देश के करोड़ों किसानों की है, देश के पशुपालक भाइयों की है। ये सफलता एक दिन में नहीं मिली है, बीते 10 वर्षों से हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड से आगे बढ़ा रहे हैं। हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है और खुरपका और मुंहपका से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है।”
उन्होने कहा कि बीते 10 वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है। काशी ने आधुनिक समय को साधा है, विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम रखे हैं। आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील भी है। वास्तव में आज की काशी पूर्वांचल के विकास के रथ को खींच रही है। ”
पूर्वांचल में चिकित्सा सुविधाओं की बेहतरी के लिये सरकार के प्रयासों को गिनाते हुये उन्होने कहा, “10-11 साल पहले, पूरे पूर्वांचल में इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वो भी हम जानते हैं। आज स्थितियां अलग हैं, मेरी काशी अब आरोग्य की राजधानी भी बन रही है। दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े अस्पताल आज आपके घर के पास आ गए हैं। यही तो विकास है, जहां सुविधाएं लोगों के पास आती हैं। अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं, अब इलाज के लिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं, अब इलाज के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं, आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज का पैसा अब सरकार देगी । जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया, तब हमने भी सेवक के रूप में स्नेह स्वरूप अपने कर्तव्य को निभाया है। मेरी गारंटी थी, बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा, इसकी का परिणाम है, आयुष्मान वय वंदना योजना। ये योजना बुजुर्गों के इलाज के साथ ही उनके सम्मान के लिए है।”
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के बदलते स्वरुप को लेकर कहा, “आज काशी होकर जो भी जाता है, वो यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की, यहां की सुविधाओं की बहुत प्रशंसा करता है। हर दिन लाखों लोग बनारस आते हैं, बाबा विश्वनाथ का दर्शन करते हैं, मां गंगा में स्नान करते हैं। हर यात्री कहता है- बनारस, बहुत बदल गया है। भारत आज विकास और विरासत, दोनों को एक साथ लेकर चल रहा है। इसका सबसे बढ़िया मॉडल हमारी काशी बन रही है। यहां गंगा का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है।”
श्री मोदी ने कहा, “कल हनुमान जन्मोत्सव का पावन दिन है और आज मुझे संकटमोचन महाराज की काशी में आपके दर्शन का सौभाग्य मिला है। हनुमान जन्मोत्सव से पहले काशी की जनता आज विकास का उत्सव मनाने यहां एकत्र हुई है।”
श्री मोदी की जनसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक मौजूद थे। इनके अलावा बनास डेयरी के चेयरमैन और गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी भी मंच पर थे।
प्रधानमंत्री 1629.13 करोड़ रुपये की 19 योजनाएं का उद्घाटन और 2255.05 करोड़ रुपये की 25 योजनाएं का शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होने बनास (अमूल) से जुड़े प्रदेश के लाखों दुग्ध उत्पादक किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस भी ट्रांसफर किये। श्री मोदी ने तीन जीआई को सर्टिफिकेट और 70 वर्ष से अधिक आयु के तीन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किये।