चंडीगढ़। सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वायु सेना में अधिकारियों
के लिए हथियार प्रणाली शाखा की मंजूरी दे दी है, आजादी के बाद पहली बार वायु सेना में यह
शाखा गठित की जा रही है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने शनिवार को यहां 90वें वायु सेना दिवस के
मौके पर अपने संबोधन में इस ऐतिहासिक निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे वायु सेना
सतह से सतह पर मार करने वाली विशेष मिसाइलों, मानव रहित यान और अन्य हथियार प्रणालियों
का रखरखाव कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इस शाखा के अस्तित्व में आने के बाद उड़ान प्रशिक्षण पर
आने वाले खर्च में कमी आएगी और 3400 करोड़ रुपए की बचत होगी।
इस बार वायुसेना दिवस पर समारोह का आयोजन चंडीगढ में किया गया है। अब तक राजधानी
दिल्ली के निकट हिंडन वायु सेना स्टेशन में इस समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। उन्होंने
कहा कि अब वायुसेना दिवस पर हर वर्ष अलग जगह पर समारोह का आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर वायुसेना प्रमुख ने वायुसेना कर्मियों के लिए नई लड़ाकू यूनिफॉर्म को भी लांच किया।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत वायु सैनिकों की भर्ती एक चुनौती भरा काम है लेकिन
यह हमारे लिए देश के युवाओं की ताकत को देश की सेवा में लगाने का मौका भी है। उन्होंने कहा
कि अग्निवीरों को कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षण में उचित बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि
आगामी दिसंबर तक वायु सेना में 3000 अग्नि वीरों की भर्ती हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि बदलती परिस्थितियों में अब युद्ध का स्वरूप बदल रहा है तथा इसमें अंतरिक्ष और
साइबर क्षेत्र भी शामिल हो रहा है। इस तरह अब हमें हाइब्रिड वारफेयर की चुनौतियों से निपटने में
सक्षम बनना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थिति में कोई एक सेना अपने बलबूते युद्ध
नहीं जीत सकती इसलिए सेनाओं का एकीकरण सफलता के लिए जरूरी है और इस दिशा में काम
चल रहा है।