संयुक्त राष्ट्र। भूटान और नेपाल ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में
‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत कोविड-19 टीकों की आपूर्ति में ‘असीम सद्भावना’ और ‘मूल्यवान
समर्थन’ दिखाने के लिए भारत का आभार जताया और उसकी सराहना की।
भारत की इस पहल से दुनिया भर में महामारी के प्रसार के बीच ये पड़ोसी देश अपनी आबादी का
टीकाकरण करने में सक्षम हो पाए।
भूटान के विदेश मंत्री ल्योंपो टांडी दोरजी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च-
स्तरीय 77वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के कई अन्य हिस्सों की तरह, भूटान भी
कोविड-19 के प्रभावों से नहीं बचा और न ही इससे प्रेरित व्यवधानों से अछूता रह पाया।
दोरजी ने यूएनजीए के अंतिम दिन आम बहस के दौरान इसके मंच से अपने संबोधन में कहा, ‘‘देश
की आबादी का टीकाकरण करने के हमारे अभियान को एक अप्रत्याशित सफलता की कहानी के रूप
में मान्यता मिली है और आज हमारी पूरी आबादी के 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का पूर्ण
टीकाकरण हो चुका है। यह कोई छोटा कदम नहीं है क्योंकि यह भारत सहित मित्र देशों की हार्दिक
सद्भावना के कारण संभव हो पाया, जिनकी ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल से हमारी वयस्क आबादी के लिए
टीकाकरण का पहला दौर पूरा हो पाया।’’
भूटान ने अमेरिका, डेनमार्क, बुल्गारिया, क्रोएशिया और चीन के प्रति भी आभार व्यक्त किया,
‘‘जिनसे टीकों की आपूर्ति बेहद अहम समय से हुई’’। भूटान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम अन्य सभी
द्विपक्षीय भागीदारों और बहुपक्षीय एजेंसियों को भी धन्यवाद देते हैं जिन्होंने महामारी के समय
संकट से निपटने में हमें रसद की आपूर्ति की और वित्तीय सहायता, दवाएं और उपकरण प्रदान किए।
हमारी सफलता आप सभी के सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाती।’’
नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौडयाल ने भी महासभा को अपने संबोधन में भारत द्वारा अपने
देश को उपलब्ध कराए गए टीकों के लिए सराहना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘नेपाल में हम लक्षित
आबादी में 96 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण करने में सक्षम हुए, लगभग सभी को कम से कम
एक खुराक दी जा चुकी है। हम अपने निकटवर्ती पड़ोसियों – भारत और चीन, हमारे विकास
भागीदारों और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को उनके मूल्यवान सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं।
भारत सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत 100 से अधिक देशों को 25 करोड़ से अधिक कोविड-
19 रोधी टीके की खुराक की आपूर्ति की गई है, जिसमें नेपाल को दी गईं लगभग 95 लाख खुराक
और भूटान को दी गईं 5.5 लाख खुराक शामिल