नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को यहां उप राज्यपाल वी.
के. सक्सेना के आवास के बाहर प्रदर्शन कर उन पर ‘‘भाजपा की गुंडागर्दी’’ का समर्थन करने का
आरोप लगाया और महापौर चुनाव में देर करने को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की। आप विधायक
आतिशी और दुर्गेश पाठक सहित आप के कई नेता बैनर के साथ राज निवास मार्ग पर एकत्र हुए
तथा उप राज्यपाल के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की।
पाठक ने प्रदर्शन स्थल पर कहा, ‘‘दिल्ली नगर निगम के महापौर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय का
आदेश भाजपा को एक तगड़ा झटका है। दिल्ली में उपराज्यपाल ने अब तक जो कुछ किया है, वह
असंवैधानिक है तथा न्यायालय के आदेश में जो कुछ कहा गया है, उसके बाद उप राज्यपाल को
इस्तीफा दे देना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम
(एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। पाठक ने आरोप लगाया
कि उपराज्यपाल ने कई फैसले असंवैधानिक तरीके से लिए और उन्होंने ‘‘भाजपा की गुंडागर्दी’’ का भी
समर्थन किया।
बता दें कि बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के पार्षद, विधायक और कार्यकर्ता इकट्ठे होकर एलजी
आवास पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे. हालांकि दिल्ली पुलिस इस दौरान काफी मुसतैद दिखी और
प्रदर्शनकारी आप कार्यकर्ता और नेताओं को बैरिकेड लगाकर रोक लिया. बावजूद इसके कार्यकर्ताओं ने
बीच सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते हुए उपराज्यपाल से पक्षपात करने का आरोप लगाकर इस्तीफे की
मांग करने लगे. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल असंवैधानिक तरीके से मेयर चुनाव
रोक रहे हैं। एलजी नगर निगम में आप पार्टी के बजाय भाजपा का मेयर बनाना चाहते है, जिसको
लेकर पार्टी की मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय सुप्रीम कोर्ट गई थी, यहां आदालत ने आम आदमी
पार्टी के हित में फैसला सुनाया और 24 घंटे की भीतर नोटिस जारी करने को कहा है।
आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी अपना मेयर बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
है। पहले मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार दिलाने की जिद करती रही और अब मेयर बनाने
के लिए बार-बार अड़ंगा लगा रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा, शीर्ष अदालत के
आदेश के बाद हम सभी पूरी तरह से खुश हैं। उम्मीद जता रहे हैं चुनाव की तारीख का ऐलान जल्द
होगा. वहीं पार्टी के नेताओं का ये भी कहना है कि ढाई महीने बाद मेयर बनने से दिल्ली के रुके हुए
काम जल्द पूरे होंगे.