नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि भारत
वैश्विक उत्सर्जन के लिए पारंपरिक रूप से जिम्मेदार नहीं होने के बावजूद समस्या का समाधान करने
वाले देश के तौर पर अपना इरादा दिखा रहा है।
यादव ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के मामलों पर चर्चा के लिए इंडोनेशिया के बाली में शुरू हुई
जी20 मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकसित देशों से मिल रही
वित्तीय मदद की गति एवं पैमाना वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल नहीं खाता
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि भारत वैश्विक उत्सर्जन के लिए पारंपरिक रूप से जिम्मेदार नहीं रहा है, हम
अपने कार्यों से समस्या सुलझाने का इरादा दिखा रहे हैं।’’
यादव ने कहा कि जलवायु परिर्वतन का सर्वाधिक असर उन गरीब एवं कमजोर देशों पर पड़ रहा है,
जो जलवायु संकट के लिए सबसे कम जिम्मेदार हैं और जिनके पास यथास्थिति को महत्वपूर्ण रूप
से बदलने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी, क्षमता और वित्त का अभाव है।
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्त मुहैया कराने का वादा मृगतृष्णा बना हुआ
है। इसके अलावा विकास के लिए वित्त को जलवायु परिवर्तन के लिए मुहैया कराए जाने वाले वित्त के
साथ जोड़ने से समस्या बढ़ गई है।’’