नई दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत को वक्त रहते कोरोना वायरस पर लगाम
लगानी है तो देशभर में संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 414
हो गई है और संक्रमण के मामले बढ़कर 12,380 हो गए।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)
से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 14 अप्रैल तक 2,44,893 नमूनों की जांच की गई।विशेषज्ञों का मानना है कि ये
आंकड़ें 1.3 अरब की आबादी के लिहाज से मामूली हैं और देश में कोविड-19 से लड़ने के लिए ‘‘और अधिक
संख्या में जांच’’ करने की आवश्यकता है। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, फरीदाबाद में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रवि
शेखर झा ने बताया कि भारत सही दिशा में जा रहा है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आबादी के
बड़े आकार को देखते हुए जांच की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है और इसे अधिक सख्ती के साथ किया जाना
चाहिए। हमें संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों के बारे में प्रभावी रूप से पता लगाने और उनकी जांच करने की
आवश्यकता है ताकि वे लोग दूसरों को संक्रमित न कर दें।’’मैक्स हेल्थकेयर में ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप
बुद्धिराजा ने कहा कि भारत काफी जांच कर रहा है लेकिन यह अमेरिका और सिंगापुर तथा अन्य देशों के मुकाबले
में पर्याप्त नहीं है।उन्होंने बताया कि ‘‘देशभर में हमारे सभी कर्मचारियों और मरीजों’’ की कोरोना वायरस की जांच
करने का फैसला किया गया है। सर गंगाराम अस्पताल के प्रख्यात फेफड़ा सर्जन डा. अरविंद कुमार का कहना है कि
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण है, ‘‘टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट’’ । इसके बाद ‘‘पृथक वास और
उपचार।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जांच संख्या को बहुत अधिक बढ़ाने की जरूरत है।’’